-आभार सम्मेलन में जेपी नड्डा ने कहा कि दो लाइन देश को नुकसान होने वाले प्रावधानों पर भी बोल कर दिखायें
लखनऊ/नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संशोधित संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करने वाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधा हमला बोलते हुए चुनौती दी है वह इस कानून के प्रावधानों पर केवल 10 पंक्तियां बोलकर दिखायें। सीएए के समर्थन में दिल्ली में भाजपा की तरफ से आयोजित “आभार सम्मेलन” में नड्डा ने कहा, “मैं राहुल से कहना चाहता हूं कि वह सीएए के प्रावधानों पर केवल 10 लाइन बोल दें। वह बस दो लाइन उन प्रावधानों पर भी बोलकर दिखायें जिनसे तथाकथित तौर पर देश का नुकसान हो रहा है।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नड्डा ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश का नेतृत्व करने आये लोगों को सीएए के बारे में बुनियादी बातें तक पता नहीं हैं।” नड्डा ने कहा, “देश में पिछले एक हफ्ते के दौरान सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान पहंचा है लेकिन क्या राहुल ने इस नुकसान की निंदा करते हुए कोई बयान दिया है?” उन्होंने कहा, “कांग्रेस और भाजपा के बीच विचारधारा की लड़ाई हो सकती है। आपकी (राहुल की) सीमित बुद्धि के कारण किसी विषय पर आपके विचार हमसे अलग हो सकते हैं। लेकिन यह कहां तक उचित है कि आप हिंसा पर एक भी शब्द नहीं बोलें?”
जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सीएए पर गुमराह करते हुए एक वर्ग विशेष के लोगों को उकसा रही है और “वोट बैंक को देश से ऊपर रखकर हिंसा की आग पर राजनीति की रोटियां सेंक रही है।”उन्होंने कहा, “राहुल इस सवाल का भी जवाब दें कि क्या उन्होंने वर्ष 1947 में हुए भारत के विभाजन का इतिहास पढ़ा है? उनके वक्तव्यों से तो कतई नहीं लगता कि उनके दिल में देश के उस बंटवारे का कोई दर्द है जब बर्बर नरसंहार के बीच लाखों लोगों को अपनी जान की सलामती और स्त्रियों को अपनी आबरू बचाने के लिये मातृभूमि को अचानक छोड़ना पड़ा था।”
पड़ोसी मुल्कों से आये हिन्दू और सिख शरणार्थियों की मौजूदगी वाले कार्यक्रम में नड्डा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर हमला जारी रखते हुए कहा, “अपने राजनीतिक जीवन में क्या राहुल ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आये शरणार्थियों से मुलाकात का कोई प्रयास किया है?” उन्होंने कहा, “(सीएए के संदर्भ में) हमसे आज कहा जाता है कि हम धर्म की बात न करें। लेकिन सत्य बात यह है कि कांग्रेस ही ने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा किया था।”
नड्डा ने दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस विचार का सार्वजनिक तौर पर समर्थन किया था कि धार्मिक प्रताड़ना के कारण पाकिस्तान से भारत आये लोगों को भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिये।