Wednesday , October 11 2023

बाहर से दवा लिखने पर चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई

सिविल अस्पताल में निरीक्षण करते जिलाधिकारी जीएस प्रियदर्शी।

लखनऊ। वीआईपी कहे जाने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में आज जिलाधिकारी ने औचक निरीक्षण किया तो उन्हें अनेक खामियां नजर आयीं इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कड़ी चेतावनी दी है। यही नहीं अस्पताल मेें दवा होने के बावजूद एक चिकित्सक बाहर से दवा लिखने के दोषी पाये गये, इन चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर दी गयी है। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान मिली खामियों को सुधारने के निर्देश जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रशासन को दिये हैं। खामियों को सुधारने के लिए 15 दिनों का समय दिया है।

वीआईपी सिविल हॉस्पिटल में खामियां ही खामियां मिलीं डीएम को

आज प्रात: करीब साढ़े दस बजे पहुंचे जिलाधिकारी जीएस प्रियदर्शी ने यहां तीन घंटे रुक कर एक-एक चीज का बारीकी से निरीक्षण किया। ओपीडी में एक-एक कमरों में जाकर मरीजों से हालचाल लिया पूछा कि दवा वगैरह मिल रही है या नहीं। इसी बीच जब वह चर्मरोग विभाग में पहुंचे तो वहां डॉ एके गुप्ता बैठे थे और उन्होंने एक मरीज को बाहर की दवा लिखी थी। डीएम ने मामले को पकड़ा और डॉक्टर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह दवा अस्पताल में नहीं है इसलिए बाहर से लिखी है लेकिन डॉ गुप्ता की यह बात तब झूठ साबित हुई जब अस्पताल के अधीक्षक डॉ आशुतोष दुबे ने कहा कि यह दवा अस्पताल में मौजूद है। इस पर जिलाधिकारी ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति कर दी।

टूटी कुर्सियों से लेकर जंग लगी अलमारी तक देखी

जिलाधिकारी ने निरीक्षण में पाया कि मर्चरी में डीप फ्रीजर नहीं है और न ही कोई मेज है, यहां पर लाश जमीन में ही रखी जाती है। इसपर उन्होंने फ्रीजर मंगाने और मेज लगवाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने भर्ती मरीजों का भी हाल लिया। रैन बसेरे पहुंचे तो वहां ठीक नहीं दिखा तो गर्मी से बचने के इंतजाम नहीं थे, इस पर उन्होंने रैन बसेरे में गर्मी से बचने के उपाय करने के निर्देश दिये। इसी प्रकार उन्होंने देखा कि कुर्सियां टूटी पड़ी थीं, उसे ठीक कराने को कहा, अलमारियों में जंग लग रही थी तो कहा इसे पेंट करायें।

बाल रोग में भूतल पर वेटिंग एरिया की जगह बनेगा वार्ड

जिलाधिकारी ने बाल रोग विभाग में बने वेटिंग एरिया को देखा तो कहा कि वेेटिंग एरिया को ग्राउंड से हटाकर यहां पर वार्ड बना दें इसी प्रकार इमरजेंसी के बगल स्थित हॉल में लगी लिफ्ट के बगल में स्थित दवा के स्टोर को भी ऊपर ले जाने के निर्देश देते हुए वहां वार्ड बनाने के निर्देश दिये।

नर्सें क्या आराम करने आती हैं?

जिलाधिकारी ने यहां डेंटल विभाग को देखा तो वहां कबाड़ हो रही मशीनों को भी देखा, तो कहा कि कबाड़ को हटाइये यहां से। कान, नाक व गला विभाग की मशीनों को देखकर कहा कि यह तो बाबा आदम केेजमाने की लग रही हैं। उन्होंने नर्सों के रूम में बेड डाले जाने को लेकर भी आपत्ति जतायी और प्रश्न उठाया कि नर्सें क्या यहां आराम करने आती हैं?
उन्होंने इमरजेंसी में रखी धूल भरी  ट्रॉली देखकर भी नाराजगी जतायी। उन्होंने महिला वार्ड में सुरक्षा के दृष्टिïकोण से महिला गार्ड तैनात करने के निर्देश दिये साथ ही उन्होंने महिला वार्ड में पर्दे लगाने, हर कोनों में डस्टबिन रखने के भी निर्देश दिये।

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