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एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में जुड़ी रीढ़ की हड्डी वाले मरीज को विशेष प्रकार से दिया जा रहा एनेस्थीसिया

-एनेस्थीसिया विशेषज्ञों ने बेहतर इलाज की दिशा में हासिल की महत्वपूर्ण उपलब्धि

सेहत टाइम्स

लखनऊ। एपेक्स ट्रॉमा सेंटर, एसजीपीजीआई में एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मरीजों को बेहतर इलाज देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यहाँ आने वाले अंक्यलॉसिंग स्पांडिलाइटिस, रूमेटॉयड आर्थराइटिस और विभिन्न प्रकार के गठिया से पीड़ित मरीजों के लिए कूल्हे और घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी में उच्चतम स्तर की देखभाल प्रदान की जा रही है।

एडिशनल प्रोफेसर डॉ. वंश खरे, डॉ. राफ़त शमीम एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रतीक सिंह बैस ने बताया कि इन मरीजों में अक्सर रीढ़ की हड्डी जुड़ जाती है, जिससे पारंपरिक स्पाइनल एनेस्थीसिया संभव नहीं होता। ऐसे मामलों में जनरल एनेस्थीसिया के अपने खतरे होते हैं।

एपेक्स ट्रामा सेंटर में अल्ट्रासाउंड की मदद से रीढ़ की हड्डी की जांच कर स्पाइनल एनेस्थीसिया दिया जाता है, जिससे बेहतर परिणाम मिलते हैं। यह विधि बुजुर्ग मरीजों के लिए भी लाभदायक है, जिनकी रीढ़ की हड्डी उम्र के कारण जुड़ या विकृत हो सकती है।

इस विधि के साथ साथ अल्ट्रासाउंड से नर्व ब्लॉक की ट्रेनिंग ट्रॉमा एनेस्थीसिया में पीडीसीसी और एनेस्थीसिया में एमडी कर रहे छात्रों को नियमित रूप से दी जा रही है जिससे वो इस तकनीक में महारत हासिल कर सके। चिकित्सकों का कहना है कि
एपेक्स ट्रामा सेंटर में उच्च गुणवत्ता वाले अल्ट्रासाउंड और अनुभवी एनेस्थीसियोलॉजिस्टों की टीम बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है।

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