-सीएम की नाराजगी के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिये निर्देश
-चिन्हित स्थानों पर अतिरिक्त एम्बुलेंस की की जायेगी तैनाती
लखनऊ । दुर्घटना हुई हो अथवा तबीयत खराब हुई हो, किसी भी दशा में जल्दी से जल्दी उपचार आवश्यक है, ऐसी स्थिति में उपचार के लिए एक-एक मिनट कीमती होता है। इसलिए किसी भी दशा में एम्बुलेंस बुलाने के लिए कॉल किये जाने के बाद रोगी के पास ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट में एम्बुलेंस पहुंच जानी चाहिये। यह निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेन्द्र अग्रवाल ने रविवार को अपने कार्यालय पर बुलायी आवश्यक बैठक में दिये।
रोगी वाहन यानी एम्बुलेंस संचालन की जिम्मेदारी जीवीकेएमआरआई के पास है। इस बैठक में मौजूद जीवीकेएमआरआई के प्रतिनिधियों को यह स्पष्ट निर्देश दिये गये। उन्होंने वर्तमान में रोगी वाहन रिस्पांस टाइम 17 मिनट पर चिंता जाहिर की और इसे और कम करने की सलाह दी।
आपको बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग करके 108 व 102 रोगी वाहनों की देर से पहुंचने पर नाराजगी व्यक्त करने के बाद राजधानी में भी स्वास्थ्य विभाग में बैठकों का दौर शुरू हो गया है।
सीएमओ डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने जीवीकेएमआरआई के प्रतिनिधियों से लखनऊ में चल रही 108,102 रोगी वाहनों के विषय में जानकारी ली। जिसमें उन्हें बताया गया कि लखनऊ में 28 रोगी वाहन 108 के तथा 34 रोगी वाहन 102 एवं 2एएलएस रोगी वाहन वर्तमान में संचालित हो रहे हैं, जो कि सभी क्रियाशील हैं।
सीएमओ ने जानकारी चाही कि किसी व्यक्ति द्वारा फोन करने पर रोगी वाहन का रिस्पांस टाइम कितना है? इस पर जीवीकेईएमआरआई के प्रतिनिधि सुजाय ने बताया कि वर्तमान में यह 17 मिनट है। इस पर डॉ अग्रवाल ने कहा कि यह समय अधिक है, और इसे और कम किया जाना चाहिए तथा किसी भी दशा में दुर्घटनाग्रस्त होने पर यदि कोई फोन किया जाता है तो एंबुलेंस प्रत्येक अवस्था में 15 मिनट में सभी जगह पहुंचने चाहिए। उन्होंने यह भी पूछा कि जिले में सबसे अधिक कॉल किस क्षेत्र से आते हैं, जिस क्षेत्र से अधिक डिमांड है वहां पर रोगी वाहनों की संख्या बढ़ाई जाए। इस पर जीवीकेएमआरआई के प्रतिनिधियों कहा कि वे कंप्यूटर से डाटा निकाल कर इस बात का अध्ययन करेंगे कि कहां से एंबुलेंस की डिमांड सबसे ज्यादा है। वहां पर अतिरिक्त रोगी वाहन तैनात करने का प्रयास किया जाएगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सईद अहमद ने कहा कि सड़क सुरक्षा के विषय में मीटिंग में यह बताया गया था कि लखनऊ में पांच ऐसे ब्लैक स्पॉट हैं,जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। इन स्थानों पर रोगी वाहनों की तैनाती अवश्य कर दी जाए जिससे वहां पर दुर्घटना होने पर दुर्घटना ग्रस्त व्यक्तियों को तुरंत ही अस्पताल पहुंचाया जा सके। बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रोटोकोल एवं परिवहन डॉ सईद अहमद तथा कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ एसके सक्सेना भी उपस्थित रहे।