-केजीएमयू में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पैथोलॉजी विभाग ने प्रोफेसर सुरेश बाबू के नेतृत्व में 12-13 मई को ब्रेस्ट पाथ कनेक्ट 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन और कार्यशाला में भारत और विदेशों से ब्रेस्ट पैथोलॉजी के प्रमुख विशेषज्ञ एक साथ आए, जिससे पैथोलॉजी की सबसे गतिशील विशेषताओं में से एक में अकादमिक आदान-प्रदान और व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा मिला।
यह जानकारी देते हुए कार्यशाला की आयोजन सचिव डॉ चंचल राणा ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत 12 मई को एक सम्मेलन से हुई, जिसमें प्रसिद्ध पैथोलॉजिस्ट द्वारा व्याख्यान और पैनल चर्चाओं की एक शृंखला शामिल थी। विषयों में ब्रेस्ट रोग निदान में प्रगति से लेकर आणविक पैथोलॉजी और नियमित अभ्यास में उभरती प्रौद्योगिकियों का एकीकरण शामिल था। 13 मई को, ध्यान एक व्यावहारिक कार्यशाला पर गया, जिसे प्रतिभागियों को उन्नत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और अत्याधुनिक माइक्रोस्कोपी का उपयोग करके गहन प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। कार्यशाला ने वास्तविक समय की बातचीत और उन्नत सीखने को सक्षम किया, जिससे प्रतिभागियों को तकनीकी रूप से उन्नत सेटिंग में अपने नैदानिक कौशल diagnostic skills को तेज करने में मदद मिली।


आयोजन सचिव डॉ. चंचल राणा ने अकादमिक उत्कृष्टता के लिए विभाग की निरंतर प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। “यह उच्च प्रभाव वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों की मेजबानी का हमारा लगातार तीसरा वर्ष है। 2023 में एंडोक्राइन पैथोलॉजी सम्मेलन और 2024 में रिसर्च टूलकिट कार्यशाला के बाद, ब्रेस्ट पाथ कनेक्ट 2025 एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर रहा है। हमारा लक्ष्य आने वाले वर्षों में इस विरासत को जारी रखना है,” उन्होंने कहा। डॉ. माला सागर और डॉ. सुमैरा कयूम ने सह-आयोजन सचिव के रूप में कार्य किया और कार्यक्रम के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आयोजन टीम के अभिन्न सदस्य डॉ. शालिनी भल्ला और डॉ. पूजा शर्मा का भी बहुमूल्य योगदान रहा। पूरा कार्यक्रम पैथोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. सुरेश बाबू के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिनकी दृष्टि और समर्थन ने इसकी अकादमिक और संगठनात्मक सफलता सुनिश्चित की। ब्रेस्ट पाथ कनेक्ट 2025 पैथोलॉजी के विकसित क्षेत्र में शिक्षा, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए केजीएमयू के समर्पण का एक मजबूत प्रमाण है।
