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अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस की भॉति राष्ट्रीय नर्सेज दिवस मनाने की आवश्यकता

-लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज सप्ताह

सेहत टाइम्स

लखनऊ। डॉ राम मनोहर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के निदेशक प्रो सीएम सिंह ने कहा है कि हमें अपने संस्थान के रोगियों के साथ दूसरे चिकित्सा संस्थानों की तुलना में उच्च दर्जे का व्यवहार स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग प्रोफेशन मरीजों के प्रति करुणा एवं प्रेम से जुड़ी एक कड़ी है।

प्रो सिंह ने यह बात अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज सप्ताह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला में 12 मई को आयोजित समारोह में अपने सम्बोधन में कही। ज्ञात हो फ्लोरेंस नाइटिंगेल जिन्हें आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक के रूप में जाना जाता है, के सम्मान में उनकी जयंती के मौके पर अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज सप्ताह का शुभारम्भ बीती 6 मई को किया गया था। सप्ताह भर तक चले कार्यक्रमों में नर्सिंग सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर चर्चाएं हुईं।

संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 विक्रम सिंह ने अपने अभिभाषण में समस्त नर्सिंग संवर्ग को बधाई देते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय को नर्सिंग स्टाफ का सम्मान करना चाहिए। नर्सिंग संवर्ग को अपने मरीजों के देख-रेख में गुणवत्ता बनाये रखना है। उन्होंने सुझाव दिया कि अन्तर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस की भॉति राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस को मनाये जाने की आवश्यकता है। सीनियर नर्सिंग स्टाफ को अपने से जूनियर नर्सिंग स्टाफ को मरीजों के देख-रेख सम्बन्धित समय-समय पर उचित सुझाव देना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने बु़द्ध पूर्णिमा की बधाई देते हुए बताया कि जिस प्रकार महात्मा बुद्ध ने निस्वार्थ दूसरों की सेवा के प्रति अपना जीवन समर्पण कर दिया उसी प्रकार हम सभी ने रोगियों के प्रति निस्वार्थ भावना के साथ देखभाल करते रहना चाहिए।

संस्थान की मुख्य नर्सिंग अधिकारी (सीएनओ) सुमन सिंह ने अपने अभिभाषण में बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की शुरुआत 1965 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज ने की थी। जिसके बाद जनवरी 1974 में 12 मई को अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। सीएनओ ने अपने अभिभाषण के दौरान निम्न बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नर्सों का एक रोगी के जीवन में काफी महत्व है। यूं भी कह सकते हैं कि हमे जिन्दा रखने में नर्सों की बड़ी भूमिका होती है वह मरीजों की देखभाल के लिए अपने सुख चैन त्याग कर दूसरों की भलाई के लिए काम करती हैं। उनके जज्बे को सलाम करनें के लिए 12 मई का दिन चुना गया है यह दिन दुनिया भर की नर्सों को समर्पित है।

उन्होंने बताया कि रोगी के मानवीय और कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए एक नर्स की रोगी के प्रति सार्थक भूमिका होती है। एक नर्स समानता को बढ़ावा देती है जो यह सुनिश्चित करता है कि रोगियों के अधिकार सुरक्षित हैं। हमारी नर्सेज कठिन परिस्थितियों में भी कार्य करती हैं जिसे हर स्तर पर सराहा गया है। उन्होंने बताया कि हमें आगे बढ़ते रहना है क्योंकि बिना नर्सेस के अस्पताल कुछ भी नहीं हैं, नर्सेस अस्पताल की आत्मा होती है तथा मानव सेवा भगवान की सेवा होती है। आज कल के आधुनिक युग में Artificial Intellegence नर्सिंग की सेवा में आने से हम सब को ज्यादा सावधान एवं सचेत रहने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिन नर्सिंग अधिकारियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया है उन्हें हम सबने Salute करना चाहिए। आज कल हमारी नर्सेज हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है। कार्यक्रम के अन्त में निदेशक/चिकित्सा अधीक्षक द्वारा संस्थान में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों/नर्सिंग विद्यार्थियों को उनके अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कार वितरित कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया।

उनके साथ मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं संस्थान के अन्य सम्मानित फैकल्टी सदस्य, मुख्य नर्सिंग अधिकारी, व समर्पण नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ0 दीप्ती शुक्ला तथा संस्थान में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ, अधिकारी एवं कर्मचारी, डॉ0रा0म0लो0आ0सं0, लखनऊ भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी गणमान्यों द्वारा कार्यक्रम में मौजूद समस्त नर्सिंग अधिकारियों को अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस की बधाई देते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोगियों के प्रति नर्सिंग कार्याे की प्रशंसा की गई। इस वर्ष की थीम “हमारी नर्से हमारा भविष्य” नर्सो की देखभाल से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।

कार्यक्रम में संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक, प्रो0 (डॉ0) विक्रम सिंह, प्रो0 (डॉ) अतुल जैन, प्रो0 (डॉ0) धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ0 सुनील कुमार सिंह, सुमन सिंह, मुख्य नर्सिंग अधिकारी, संस्थान में कार्यरत नर्सिंग अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

इसके बाद बीती 8 व 9 मई अपरान्ह में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें नर्सिंग अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतियां दी गयीं। संस्थान की मुख्य नर्सिंग अधिकारी, सुमन सिंह ने अपने अभिभाषण के दौरान बताया कि संगीत कई अलग-अलग शैलियों का एक सहयोग है जिसका उद्देश्य सार्वभौमिकता का संचार करना और व्यक्तियों, जोड़ों, परिवारों, समूहों और समुदाय के लिए उपचार लाना है। संगीत कई मायनों में सेहत को फायदा पहुचा सकता है खासतौर पर मानसिक स्वास्थ्य के लिए संगीत सुनना एक अच्छी थेरेपी मानी जाती है।

10 मई को मुख्य नर्सिंग अधिकारी की अध्यक्षता में संस्थान परिसर के मुख्य अस्पताल भवन के ओ0पी0डी0-1 में सभी नर्सिंग अधिकारियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया। जिसके उपरान्त शाम को 4 से 6 बजे के बीच विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं जैसे (100 meter race, Tug of warइत्यादि)जिसमें सभी ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। मुख्य नर्सिंग अधिकारी नें अपने संबोधन में बताया कि खेल बच्चों को शारीरिक रूप से फिट रखने में मदद करता है, साथ ही उन्हें भावनात्मक रूप से खुश रखने में मदद करता है व तनाव से मुक्त रखता है खेलने से बच्चों का मानसिक विकास होता है।

11 मई को कार्डियेक थोरोसिस नर्सिंग सेमिनार का आयोजन सी0टी0वी0एस0 विभाग द्वारा किया गया जिसमें जानकारी दी की एक कार्डियेक केयर नर्स हृदय रोग या अन्य स्थितियों से पीडित मरीजों की देखभाल करती है। जिनमें कोरोनरी, धमनी रोग से लकर हृदय विफलता और बाई पास सर्जरी तक की समस्याएं शामिल है।

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