-निगम बन जाने के बाद भी भर्तियों का सारा कार्य आउटसोर्सिंग एजेंसियों से कराये जाने की तैयारी !

सेहत टाइम्स
लखनऊ। शासन में विचाराधीन आउटसोर्सिंग निगम के गठन के मामले में ज्ञात हुआ है कि निगम में भी आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याएं बनी रहेंगी क्योंकि निगम द्वारा सेवा तथा भर्ती का पूरा कार्य आउटसोर्स एजेंसियों से कराए जाने की व्यवस्था की जा रही है। जानकारी होने पर संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की ओर से उ प्र शासन के मुख्य सचिव को सुझाव पत्र प्रेषित किया गया है।
यह कहना है संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चितानंद का। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने घोषणा में कहा था कि आउटसोर्सिंग निगम गठन के बाद एजेंसियों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी और कर्मचारियों की भर्ती, नियुक्ति पत्र, वेतन निगम देगा तथा सारा कार्य सीधे निगम द्वारा किया जाएगा। इससे सरकार के जीएसटी तथा सर्विस चार्ज की बचत होगी मगर वर्तमान में मिल रही विभिन्न जानकारी के अनुसार निगम में सेवा प्रदाता फर्म के द्वारा ही सारा कार्य कराए जाने का प्रावधान किया जा रहा है जो कि उचित नहीं है।
सच्चितानंद ने कहा कि इससे पूर्व में भी कई निगम द्वारा आउटसोर्स सेवा प्रदाता फर्म को पंजीकृत करवा कर कार्य करवाया गया जिसमें कर्मचारियों का शोषण हुआ है तथा वेतन के बड़ी राशि का गबन हुआ है। होम्योपैथी विभाग में अपट्रॉन द्वारा एजेंसी को काम दिया गया और हजारों कर्मचारियों का 14 माह का वेतन गबन हो गया, ऐसे कई मामले पहले हो चुके हैं। निगम का गठन घोषणा के अनुरूप हो अन्यथा निगम की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा है कि अगर आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण और उत्पीड़न सही मायने में रोकना है तो सरकार को एजेंसियों का अनुबंध समाप्त करते हुए कर्मचारियों की सेवाएं सीधे निगम द्वारा लिए जाने की व्यवस्था करनी चाहिए। शासन को भेजे गए प्रस्ताव में प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने मांग की है कि कर्मचारियों की नियुक्ति एवं वेतन भुगतान सीधे निगम द्वारा किया जाए, कर्मचारियों के प्रमोशन तथा वार्षिक वेतन बढ़ोतरी एवं विभिन्न अवकाश का लाभ दिया जाए साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक निश्चित समय अवधि के बाद कर्मचारियों को स्थायी पदों पर समायोजित किया जाए। चिकित्सा शिक्षा विभाग में कमेटी द्वारा निर्धारित वेतनमान को भी शामिल किया जाए और साथ ही कर्मचारियों की सेवाएं के अनुरूप समय-समय पर उनको प्रोत्साहन राशि एवं बोनस प्रदान किया जाए।
उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर शासन को पत्र भेजा गया है जल्द ही कर्मचारी संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल निगम का गठन कर रहे प्रमुख सचिव से भी मुलाकात करेगा।

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