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दवा लाइसेंस प्रक्रिया जानबूझकर लटकाने पर आयुक्त ने लगायी फटकार, कार्रवाई की चेतावनी

-नया लाइसेंस 15 दिन एवं पुराने लाइसेंस की रीटेंशन प्रक्रिया दो दिन में करने के सख्त निर्देश

-केमिस्ट्स एवं ड्रगिस्ट्स फेडरेशन उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की थी शिकायत

सेहत टाइम्स

लखनऊ। थोक व फुटकर दवा विक्रेताओं के नवीन लाइसेंस एवं लाइसेंस के रीटेंशन के निस्तारण में निर्धारित अवधि के भीतर न किये जाने पर आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए सभी सहायक आयुक्त औषधि एवं औषधि निरीक्षक को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि लंबित पड़े नवीन लाइसेंस का निस्तारण 15 दिनों में तथा रीटेंशन वाले लाइसेंस का निस्तारण दो दिनों में करते हुए इसकी सूचना दें, ऐसा न करने वाले सहायक आयुक्त औषधि एवं औषधि निरीक्षक के खिलाफ नियमानुसार दंडनीय कार्रवाई की जायेगी। ज्ञात हो केमिस्ट्स एवं ड्रगिस्ट्स फेडरेशन उत्तर प्रदेश (CDFUP) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बीती 31 जनवरी, 2025 को पत्र लिखकर औषधि लाइसेंस के रीटेंशन (retention) में जानबूझकर किये जा रहे विलम्ब की शिकायत की थी।

माना जा रहा है कि उच्च स्तर पर इस विषय में त्वरित संज्ञान लेते हुए आयुक्त द्वारा 11 फरवरी, 2025 को सभी सहायक आयुक्त औषधि एवं औषधि निरीक्षक को लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकार द्वारा 2017 में नवीन थोक एवं फुटकर औषधि लाइसेंसों सम्बन्धित सेवाओं के लिये समय-सीमा अधिकतम 15 दिवस निर्धारित की गई है। लेकिन भारत सरकार के ONDLS पोर्टल पर थोक एवं फुटकर औषधि लाइसेंसों से सम्बन्धित प्राप्त हो रहे आवेदनों की समीक्षा में पाया गया कि आवेदनों का निस्तारण निर्धारित 15 दिवस की समय-सीमा में नहीं किया जा रहा है जो अत्यन्त खेदजदक है एवं अधिकारियों द्वारा शासकीय कार्यों के प्रति उदासीनता एवं घोर लापरवाही को प्रदर्शित करता है, साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार लोक सेवा प्रबन्धन अनुभाग की अधिसूचना का स्पष्ट उल्लंघन है साथ ही यह कृत्य समाज में विभाग की छवि को धूमिल करता है।

पत्र में कहा गया है कि जैसा कि आप अवगत हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ‌द्वारा राजकीय कार्यों के प्रति लापरवाही एवं अन्य असंगत गतिविधियों में संलिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति जीरो टॉलरेन्स नीति को अपनाया गया है जिसके दृष्टिगत यदि समीक्षा में पाया जाता है कि किसी अधिकारी द्वारा अनावश्यक रूप से असंगत तर्कों के आधार पर आवेदनों में Query लगाई जा रही है या आवेदनों को Reject किया जा रहा है तो उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के आधार पर सम्बन्धित के विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्यवाही की जायेगी।
पत्र में कहा गया है कि संज्ञान में आया है कि कतिपय औषधि निरीक्षकों एवं सहायक आयुक्त (औषधि) द्वारा नवीन एवं रिटेन्शन के थोक एवं फुटकर औषधि लाइसेंसों के आवेदनों में अनावश्यक दस्तावेज मांगे जा रहे हैं एवं आवेदनों को मोडिफिकेशन में भेजा जा रहा है जोकि उनके पदीय दायित्वों एवं कर्तव्यों के विरुद्ध है। विभाग द्वारा निर्गत पत्र संख्या-ड्रग/5846/1022 दिनांक-26-04-2022 में थोक एवं फुटकर औषधि लाइसेंसों को प्राप्त किये जाने हेतु आवश्यक दस्तावेजों का उल्लेख किया गया है यदि किसी अधिकारी ‌द्वारा पत्र दिनांक-26-04-2022 में उल्लिखित दस्तावेजों को आवेदक द्वारा अपलोड किये जाने के पश्चात भी अनावश्यक रूप से अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किये जाने के लिए बाध्य या प्रताड़ित किया जा रहा है तो सम्बन्धित के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 एवं उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के प्राविधानों के अन्तर्गत सम्बन्धित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।

पत्र में यह भी कहा गया है कि विभाग में ONDLS पोर्टल लागू होने से पूर्व विभागीय औषधि लाइसेंसिंग साफ्टवेयर में थोक एवं फुटकर औषधि लाइसेंसों के रिटेन्शन के लिए स्वतः रिटेन्शन का प्रावधान था जिससे थोक एवं फुटकर औषधि व्यवसायियों को रिटेन्शन हेतु काफी सुविधा थी। ONDLS पोर्टल पर थोक एवं औषधि के रिटेन्शन हेतु प्राप्त आवेदनों की समीक्षा में पाया गया कि कतिपय सहायक आयुक्त (औषधि) एवं औषधि निरीक्षकों द्वारा रिटेन्शन के आवेदनों में भी अनावश्यक रूप से Query लगाई जा रही है जबकि आवेदकों द्वारा नियमानुसार रिटेन्शन शुल्क जमा कर दिया गया है। इस कृत्य से Ease of Doing Buiseness ranking में उत्तर प्रदेश की रैंकिंग खराब हो रही है। एकतरफ सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को Ease of Doing Buiseness ranking में सुधार किये जाने हेतु सभी प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ आप द्वारा औषधि व्यवसायियों को नवीन एवं रिटेन्शन लाइसेंस समयान्तर्गत निर्गत न करके Ease of Doing Buiseness ranking में उत्तर प्रदेश की ranking में गिरावट की जा रही है जो न्यायसंगत नहीं है एवं सरकार की नीतियों के विरुद्ध है।

पत्र में निर्देश दिया गया है कि थोक एवं फुटकर औषधि से सम्बन्धित नवीन लाइसेंसों को अधिकतम 15 दिवस की समयावधि एवं रिटेन्शन आवेदनों को अधिकतम 02 कार्यदिवस में किसी भी दशा में निर्गत करना सुनिश्चित करें एवं आप समस्त समय से लाइसेंस न निर्गत किए जाने से सम्बन्धित अपना स्पष्टीकरण अधोहस्ताक्षरी को 02 कार्यदिवस में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

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