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एसजीपीजीआई के शिक्षकों को जो मिल चुका है बहुत पहले, उससे अब तक दूर रखा गया है केजीएमयू की फैकल्टी ​को

-केजीएमयू शिक्षक संघ की कार्य समिति की बैठक में लंबित अनेक मुद्दों पर हुई चर्चा

सेहत टाइम्स

लखनऊ। केजीएमयू शिक्षक संघ के कार्य समिति की आज 8 फरवरी को बैठक सम्पन्न हुयी, जिसमें शिक्षकों से प्राप्त विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुयी। चर्चा में कहा गया कि शिक्षकों को मिलने वाली अनेक सुविधाओं से केजीएमयू के शिक्षकों को वंचित रखा गया है जबकि वही सुविधाएं एसजीपीजीआई में बहुत पहले दी जा चुकी हैं।

केजीएमयू शिक्षक संघ के महासचिव द्वारा यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि शिक्षकों को मिलने वाले कॉन्फ्रेंस भत्ते, बैकडेटिंग आदि की प्रक्रिया में होने वाली समस्याओं के सम्बंध में पाया गया कि सरकार द्वारा केजीएमयू के शिक्षकों को एसजीपीजीआई के समान वेतन व भत्ते अनुमन्य किए जाने के लिए सन् 2019 में ही केजीएमयू की परिनियमावली में संशोधन किया जा चुका है।

बैठक में कहा गया कि कॉन्फ्रेंस आदि भत्ते से सम्बंधित एसजीपीजीआई की एस.ओ.पी.एवं केजीएमयू के शिक्षकों के अवकाश एवं कार्य अवधि में समानता नहीं है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि केजीएमयू शिक्षकों के वेतन एवं भत्ते, अवकाश एवं कार्य अवधि पूरी तरह से एसजीपीजीआई के समान कर दिया जाए।

संघ का कहना था कि कार्य परिषद के समुचित गठन के लिए अधिनियम की धारा-24(1) एवं परिनियमावली के नियम-1.05(क) का अनुपालन यथाशीघ्र सुनिश्चित किया जाए। शिक्षकों के लिए कार्य परिषद से अनुमोदित ग्रेच्युटी सम्बंधित पत्रावली भी शासन स्तर पर वर्षों से लम्बित है, जबकि पीजीआई आदि अन्य संस्थानों के शिक्षकों के लिए वर्षों पहले आदेश जारी हो चुके हैं।

केजीएमयू की कुलपति को इस वर्ष पद्मश्री से पुरस्कृत होने पर कुलपति को बधाई प्रस्ताव पारित किया गया तथा यह निर्णय लिया गया कि उन्हे सम्मानित करने के लिए शीघ्र ही शिक्षक संघ द्वारा एक समारोह का आयोजन किया जाएगा।

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