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साउथ एशियन जर्नल ऑफ जेरिएट्रिक मेडिसिन, सर्जरी, पैलिएटिव केयर एंड हॉस्पिस के न्यूज लेटर का विमोचन

-केजीएमयू की कुलपति ने वर्ल्ड होस्पिस एंड पैलिएटिव केयर डे पर किया न्यूज लेटर का विमोचन

-एशियाई देशों में बुजुर्गों की चिकित्सा व देखभाल पर केंद्रित जर्नल का पहला अंक आयेगा फरवरी 2025 में

सेहत टाइम्स

लखनऊ। वर्ल्ड होस्पिस एंड पैलिएटिव केयर डे (12 अक्टूबर) के अवसर पर, एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स (AID) और आस्था सेंटर फॉर जेरिएट्रिक मेडिसिन, पैलिएटिव केयर होस्पिस एवं समाज कल्याण समिति ने साउथ एशियाई जर्नल ऑफ जेरिएट्रिक मेडिसिन, सर्जरी, पैलिएटिव केयर और होस्पिस के न्यूज लेटर का विमोचन किया गया। इसका विमोचन किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर डॉ.सोनिया नित्यानंद ने किया।

यह जानकारी देते हुए जर्नल के कार्यकारी सम्पादक डॉ. अभिषेक शुक्ला ने बताया​ कि इस जर्नल का ध्यान खासकर साउथ एशियाई के आठ देशों: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका में वृद्धावस्था देखभाल, होस्पिस और पैलिएटिव केयर की अपूर्त जरूरतों को पूरा करने पर है। इन क्षेत्रों में तेजी से बढ़ती बुजुर्ग जनसंख्या के कारण जीवन-सीमा से जुड़ी बीमारियों के लिए विशेष देखभाल प्रदान करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो अब तक अनदेखा क्षेत्र रहा है। उन्होंने बताया​ कि इसका प्रथम अंक आगामी फरवरी 2025 में आयेगा।

जर्नल के न्यूज लेटर विमोचन के कार्यक्रम की अध्यक्षता किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ की कुलपति प्रोफेसर डॉ. सोनिया नित्यानंद ने की, और इसका नेतृत्व एम्स भोपाल के पूर्व संस्थापक निदेशक एवं जर्नल के प्रधान संपादक डॉ. संदीप कुमार ने किया, साथ ही वरिष्ठ जेरिएट्रिशियन और पैलिएटिव केयर विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक शुक्ला, जो इस जर्नल के कार्यकारी संपादक के रूप में सेवारत हैं, भी उपस्थित रहे।

प्रोफेसर डॉ. सोनिया नित्यानंद ने जर्नल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “इस अंतरराष्ट्रीय जर्नल की शुरुआत निस्संदेह चिकित्सा पेशेवरों, शोधकर्ताओं, और नीति निर्माताओं को एक साथ लाने और दक्षिण एशिया में वृद्ध और जीवन-सीमा वाली बीमारियों से पीड़ित लोगों की देखभाल में सुधार के लिए नवीन समाधान विकसित करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगी।”

जर्नल के प्रधान संपादक, डॉ. संदीप कुमार ने अनुसंधान और शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, कि बुजुर्ग जनसंख्या, पुरानी बीमारियों, पैलिएटिव केयर पर ध्यान केंद्रित करने और अस्पताल में भर्ती होने की लागत को कम करते हुए मरीजों की संतुष्टि प्रदान करने की दिशा में अनुसंधान और शिक्षा की आवश्यकता है। दक्षिण एशियाई जर्नल ऑफ जेरिएट्रिक मेडिसिन, सर्जरी, पैलिएटिव केयर और होस्पिस इस क्षेत्र में ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है।

प्रो. राजेंद्र प्रसाद (पूर्व निदेशक, पटेल चेस्ट, नई दिल्ली), डॉ. आर.के. शर्मा (पूर्व निदेशक, एसजीपीजीआई) तथा डॉ. वी.के. पुरी (पूर्व विभागाध्यक्ष, लारी कार्डियोलॉजी) पत्रिका के संपादक मंडल के रूप में अपना मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। होस्पिस और पैलिएटिव केयर जीवन-सीमा वाली बीमारियों से पीड़ित मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विशेष चिकित्सा सेवाएँ हैं। जहाँ पैलिएटिव केयर किसी भी बीमारी के चरण में लक्षणों से राहत और समर्थन प्रदान करता है, वहीं होस्पिस केयर जीवन के अंतिम चरण में आराम और गरिमा प्रदान करता है।

साउथ एशियाई जर्नल ऑफ जेरिएट्रिक मेडिसिन, सर्जरी, पैलिएटिव केयर और होस्पिस, जो एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स (AID) के बैनर तले और आस्था सेंटर फॉर जेरिएट्रिक मेडिसिन, पैलिएटिव केयर अस्पताल, होस्पिस एवं समाज कल्याण समिति के सहयोग से स्थापित किया गया है, दक्षिण एशिया में, जहाँ बुजुर्ग जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। बुजुर्गों और जीवन-सीमा वाली बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए गुणवत्तापूर्ण देखभाल को आगे बढ़ाने में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

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