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ब्लड डोनेशन के प्रति लोगों की भ्रांतियां दूर करने के लिए फार्मासिस्टों ने किया रक्तदान

-यूथ फार्मेसिस्ट फेडरेशन के संरक्षक उपेंद्र के जन्मदिन पर लोकबंधु चिकित्सालय में लगा रक्तदान शिविर

-रक्तदान का महत्व तब पता चलता है जब निकटतम व्यक्ति जिन्दगी और मौत के बीच झूलता है : सुनील यादव

सेहत टाइम्स

लखनऊ। आम जनता में रक्तदान के प्रति अभी भी भ्रांतियां हैं जिसे हम सभी चिकित्साकर्मी स्वयं रक्तदान करके दूर कर सकते हैं, इसी उद्देश्य को लेकर आज फार्मासिस्टों ने यूथ फार्मासिस्ट फेडरेशन के संरक्षक उपेंद्र यादव के जन्मदिन के अवसर पर बड़ी संख्या में रक्तदान किया।

यह बात फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कही। उन्होंने बताया कि लोक बंधु चिकित्सालय के निदेशक डॉ सुरेश कौशल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजीव कुमार दीक्षित, अधीक्षक डॉ अजय शंकर त्रिपाठी, रक्तकोष प्रभारी डॉ पीसी तिवारी की उपस्थिति में आज यूथ फार्मेसिस्ट फेडरेशन द्वारा लोक बंधु चिकित्सालय के ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, शिविर में 30 यूनिट रक्त इकट्ठा हुआ, इस रक्त के अवयवों को अलग-अलग करके 100 से अधिक लोगों की जान बचायी जा सकेगी।

उन्होंने बताया कि लोगों द्वारा रक्त दान करने से दिल की सेहत में सुधार, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। रक्तदान से दुर्घटना पीड़ितों के अलावा और भी कई लोगों को लाभ होता है। दान किया गया रक्त गर्भावस्था की जटिलताओं से जूझ रही महिला, किसी बीमारी या अपर्याप्त पोषण के कारण गंभीर एनीमिया से पीड़ित बच्चे और यहां तक कि कैंसर का इलाज करा रहे किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान का कितना महत्व है, इसका अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई निकटतम व्यक्ति जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा हाेता है।

निदेशक डॉ सुरेश कौशल ने कहा कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। 18 से अधिक आयु के लोग जिनका वजन 50 किलोग्राम से अधिक है वह रक्तदान कर सकते हैं। नियमित अंतराल यानी तीन महीने बाद रक्तदान करते रहने से हमारे शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित रहती है और रक्तदाता को हृदयाघात की संभावना नहीं रहती। नियमित रक्तदान करने से कैंसर सहित अन्य बीमारियाें का खतरा भी कम हो जाता है। रक्तदान से सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हमारे शरीर का वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, मलेरिया, एचबीएसएजी, एचसीवी, वीडीआरएल आदि जांचें हो जाती हैं।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि रक्तदान एक महादान है, रक्तदान कर फार्मासिस्टों ने सामाजिक दायित्व का भरपूर निर्वहन किया है। पैथोलॉजिस्ट एवं ब्लड बैंक के प्रभारी डॉक्टर पी सी तिवारी ने रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि ब्लड की कोशिकाएं प्रत्येक 120 दिन पर टूटकर नई होती जाती हैं रक्तदान करने से बोन मैरो (अस्थि मज्जा) के द्वारा तेजी से रक्त का निर्माण होता है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। महामंत्री अशोक कुमार ने कहा कि जन्मदिन पर आयोजित यह कार्यक्रम शिक्षाप्रद और प्रेरक है, इससे हम अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।

संरक्षक के के सचान, उपाध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव ने कहा कि नियमित रूप से रक्तदान सेहत के लिए अच्छा है। उन्होंने बताया कि कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसी ही इमरजेंसी के लिए खून की आपूर्ति के लिए लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए। इससे जरूरतमंद की मदद हो सकेगी। यूथ फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष आदेश कृष्ण, संरक्षक उपेंद्र यादव ने उपस्थित सभी रक्तदाताओं का आभार व्यक्त किया। रक्तदाताओं में अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार, संरक्षक उपेंद्र कुमार, आलोक पांडे, धर्मेंद्र सिंह, कृष्णकांत, विवेक दुबे, नबी हुसैन, डॉ बृजेश कुमार, रज्जब अली, रवि मिश्र, दिलीप कुमार, सौरभ पाण्डेय, आकाश, लवकुश, अमर, रजनीश, अजमुद्दीन, रंजीत, सूरज, अनीश, फैजान, अनिल, निखिल आदि ने रक्तदान किया।
सुनील यादव ने रक्तकोष के सभी अधिकारियों और कर्मियों का आभार व्यक्त किया।

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