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विश्‍व के शीर्ष 100 सरकारी संस्‍थानों में अकेला भारतीय संगठन है सीएसआईआर

-37 राष्‍ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 आउटरीच सेंटर्स और एक इनोवेशन कॉम्‍प्‍लेक्‍स रखने वाला सीएसआईआर 82 वर्ष का हुआ  

सीएसआईआर – भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान ने समारोहपूर्वक मनायी वर्षगांठ

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) अपने 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 आउटरीच केंद्रों और 1 इनोवेशन कॉम्प्लेक्स के नेटवर्क के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास ज्ञान आधार के लिए जाना जाता है। इतने विविध और विशाल संगठन के जीवन में 82 वर्ष एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जश्न मनाने और जायजा लेने, पाठ्यक्रम में सुधार लाने और राष्ट्र की सेवा के लिए खुद को फिर से समर्पित करने के लिए यह अवसर है। इस अवसर का जश्न मनाने के लिए, सीएसआईआर – भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) ने 3 अक्टूबर को अपने परिसर में सीएसआईआर स्थापना दिवस व्याख्यान का आयोजन किया।

सभा का स्वागत करते हुए, सीएसआईआर-आईआईटीआर के मुख्य वैज्ञानिक और आयोजन समिति के उप-अध्यक्ष डॉ.के.सी. खुल्बे  ने उल्लेख किया कि सीएसआईआर अत्याधुनिक विज्ञान को आगे बढ़ाने और ज्ञान-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र की सीमाओं को आगे बढ़ाने में हमेशा सबसे आगे रहा है।

अपने संबोधन में अतिथि, डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक, सीएसआईआर – केन्‍द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्‍थान, (सीएसआईआर – सीमैप) ने दर्शकों को बताया कि सीएसआईआर दुनिया भर के 1587 सरकारी संस्थानों में 37वें स्थान पर है और शीर्ष 100 वैश्विक सरकारी संस्थानों में एकमात्र भारतीय संगठन है। स्किमागो इंस्टीट्यूशंस रैंकिंग वर्ल्ड रिपोर्ट के अनुसार सीएसआईआर एशिया में 7वाँ स्‍थान रखता है और देश में प्रथम स्थान पर है।

स्थापना दिवस भाषण देते हुए, मुख्य अतिथि, सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के निदेशक, डॉ. अजीत कुमार शासनी ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचालित नवाचारों के व्यापक स्पेक्ट्रम में योगदान देने के अलावा, सीएसआईआर ने देश में बौद्धिक संपदा आंदोलन का भी नेतृत्व किया है। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर आज चुनिंदा प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में देश के लिए वैश्विक स्‍थान बनाने के लिए अपने पेटेंट पोर्टफोलियो को मजबूत कर रहा है।

सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक, डॉ. भास्कर नारायण ने समारोह की अध्यक्षता की और सीएसआईआर-आईआईटीआर-जिज्ञासा-ईपीआईसी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस अवसर पर संस्थान को आगंतुकों के लिए वैज्ञानिक समुदाय के साथ चर्चा करने और अत्याधुनिक अनुसंधान का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के लिए खुला रखा गया था। स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों के कई छात्रों ने भी संस्थान का भ्रमण किया। बीती 27 सितंबर को सीएसआईआर कार्मिकों के बच्चों के लिए एक निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई और समारोह के दौरान पुरस्कार दिए गए। संस्थान ने उन कार्मिकों, जिन्होंने परिषद् की सेवा के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं तथा वे कार्मिक भी जो पिछले वर्ष के दौरान संस्थान से सेवानिवृत्त हुए हैं, उन सभी को  सम्मानित किया गया।

संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर पार्थसारथी ने सभी के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया।

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