संस्थान में ही कार्यरत कर्मचारी को गंभीर अवस्था में कर दिया बलरामपुर अस्पताल रेफर, मौत
लखनऊ. केजीएमयू में जूनियर डाक्टरों पर एक बार फिर लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. लापरवाही के चलते गंभीर बीमार कर्मचारी को बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया जिसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
केजीएमयू में हुई लापरवाही और जूनियर डाक्टरों के गलत व्यवहार के चलते अपने एक कर्मचारी की मौत होने का गंभीर आरोप केजीएमयू के ही कर्मचारियों द्वारा लगाया गया है. दन्त संकाय में कार्यरत चौकीदार कल ट्रामा सेंटर के मेडिसिन वार्ड में लाया गया था.
केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष विकास कुमार सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को लिखे पत्र में बताया है कि दन्त संकाय में चौकीदार पद पर कार्यरत शैलेश कुमार को डायरिया/लूज मोशन की शिकायत पर कल रात्रि 8.30 बजे मेडिसिन इमरजेंसी में लाया गया था. आरोप है कि वहां तैनात जूनियर डाक्टरों ने इस गंभीर हालत वाले मरीज का समुचित तरीके से इलाज नहीं किया बल्कि इतनी गंभीर हालत होने के बावजूद मरीज को केजीएमयू जैसे उच्च संस्थान से नीचे संस्थान बलरामपुर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. बलरामपुर पहुँचने पर चिकित्सकों ने देखते ही बता दिया कि इनकी मृत्यु रास्ते में ही हो चुकी है.
परिषद ने अपने तीखे आरोपों में कहा है कि इस तरह की घटना विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करती है. अध्यक्ष ने पत्र में कहा है कि बीती 16 अगस्त के पत्र में हम लोगों ने कर्मचारियों के लिए तीन बेड आरक्षित करने की मांग की थी जिसपर सिर्फ यह आश्वासन देकर टाल दिया गया था कि कर्मचारियों का इलाज विशेष ध्यान देकर किया जाता है, नतीजा सामने है. पत्र में कहा गया है कि तत्काल तीन बेड आरक्षित करने का कष्ट करें जिससे दोबारा इस तरह की घटना की नौबत न आये. पत्र में कहा गया है कि जब अपने स्थाई कर्मचारियों के साथ डाक्टरों द्वारा यह व्यवहार किया जा रहा है तो दूर-दराज से आने वाले मरीजों के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाता होगा.

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