-अपर मुख्य सचिव व सचिव की मौजूदगी में हुई समझौता वार्ता में तय बातों को भी न मानने पर भड़के फार्मासिस्ट
सेहत टाइम्स
लखनऊ। डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के विगत आंदोलन के दौरान शासन में हुई समझौता वार्ता में बनी सहमति के बाद भी महानिदेशालय द्वारा की जा रही हीला हवाली के विरोध में डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन ने महानिदेशालय में 24 दिसम्बर से आमरण अनशन की घोषणा की है। इससे पहले 23 दिसम्बर को एक दिन पदाधिकारी अनशन पर बैठेंगे जो कि मांगें पूरी न होने पर अगले दिन 24 दिसम्बर को आमरण अनशन में परिवर्तित हो जायेगा।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप बडोला और महामंत्री उमेश मिश्रा ने महानिदेशक को पत्र लिखकर इस विषय में विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने विगत दिनों अपनी 20 सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन किया था। आंदोलन के तीसरे चरण में 2 घंटे कार्य बहिष्कार के दौरान शासन में अपर मुख्य सचिव एवं सचिव एवं महानिदेशक की मौजूदगी में संघ के पदाधिकारियों के साथ वार्ता संपन्न हुई। वार्ता में अनेकों मांगों पर सहमति बनी। अपर मुख्य सचिव द्वारा महानिदेशालय स्तर की मांगों को पूरा करने के लिए महानिदेशक को निर्देशित किया। इसके पश्चात महानिदेशक द्वारा लिखित में जारी की गई अपील पर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन द्वारा अपने आंदोलन को वापस ले लिया गया।
नेताद्वय ने बताया है कि 16 दिसंबर 2021 से आज तक संघ के पदाधिकारी महानिदेशालय स्तर की मांगों को पूरा कर आदेश जारी करने की मांग महानिदेशक से करते रहे परंतु महानिदेशक द्वारा लगातार टालमटोल का रवैया अपनाया जा रहा है। जिन मांगों पर महानिदेशालय स्तर से आदेश जारी होने हैं, उन मांगों को भी पुनः शासन को प्रेषित करने की कार्यवाही महानिदेशक द्वारा की जा रही है जबकि वार्ता में अपर मुख्य सचिव द्वारा महानिदेशक को निर्देश दिए थे कि महानिदेशालय स्तर की मांगों को शासन के लिए संदर्भित न किया जाए। इसके बावजूद सर्जिकल स्टोरों का चार्ज फार्मेसिस्ट को दिए जाने के पूर्व के आदेशों का जनपदों में कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश महानिदेशालय से जारी नही किये जा रहे है, अधिकृत अनधिकृत के विषय पर स्पष्टीकरण जारी नहीं किया जा रहा है, पोस्टमॉर्टम भत्ता 40 रुपये से 100 रुपये करने का करने का प्रस्ताव शासन भेजने की कार्यवाही महाविद्यालय स्तर से नहीं की जा रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के लगभग 67 पद रिक्त हैं परंतु महानिदेशालय द्वारा मात्र 30 पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार प्रदेश में चीफ फार्मेसिस्ट के लगभग ढाई सौ से अधिक पद रिक्त हैं परंतु महानिदेशालय द्वारा मात्र 130 पदों पर पदोन्नति करने की कार्यवाही की जा रही है एवं 16 दिसंबर को अपर मुख्य सचिव की उपस्थिति में सम्पन्न हुई वार्ता में बनी सहमति की कार्यवृति महानिदेशक द्वारा जारी नहीं की जा रही है, जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि महानिदेशालाल की मंशा सही नहीं है वह शासन को और संगठन को गुमराह कर रहा है, जिस कारण मजबूर होकर आज डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला व महामंत्री उमेश मिश्रा ने महानिदेशक को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि 23 दिसंबर 2021 को महानिदेशालय के कार्यालय के समक्ष संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्य अनशन पर बैठेंगे एवं 24 दिसंबर 2021 को अनशन को आमरण अनशन में परिवर्तित कर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला आमरण अनशन प्रारंभ कर देंगे उन्होंने कहा कि महानिदेशालय में बैठे अधिकारी जानभूझ कर फार्मेसिस्टों की समस्याओं को लंबित रख रहे हैं।
मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं शासन के आदेशों के बाद भी रिक्त पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया में हीला हवाली की जा रही है। अनेकों छोटी-छोटी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है जिस कारण संवर्ग में रोष व्याप्त है उन्होंने कहा यदि महानिदेशालय का रवैया नहीं सुधरा तो पुनः पूरे प्रदेश के फार्मेसिस्टों को अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए भी मजबूर होना पड़ सकता है। आगे के आंदोलन की इस रूपरेखा को तय किये जाने के मौके पर प्रदेश संयुक्त मंत्री देवेंद्र कटारा, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय कुमार पांडे, संरक्षक आर एन डी द्विवेदी, एस एन त्रिपाठी,सुशील त्रिपाठी, जनपद लखनऊ के जिला मंत्री अखिल सिंह,संजीव शर्मा, विवेक श्रीवास्तव, रविन्द्र शर्मा, शंकर पटेल, रजनीश गौतम, अनिल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।