-देश-दुनिया के 15000 से ज्यादा डॉक्टरों का लगा था जमावड़ा, 1200 शोध पत्र किये गये प्रस्तुत
-अगले साल इंदौर में मिलने के वादे के साथ फॉग्सी के सदस्यों ने एक-दूसरों को कहा बाय-बाय

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आशियाना स्थित मान्यवर कांशीराम स्मृति उपवन में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों के पांच दिवसीय महाकुंभ का रविवार को समापन हो गया। इस महाकुंभ में नयी-नयी जानकारियों की गंगा बही, जिसमें नये-पुराने चिकित्सकों ने जमकर डुबकियां लगायीं। पुरातन काल से भारतीय संस्कृति में गर्भवती माता के लिए दी जाने वाली जानकारियां जो अब विज्ञान की कसौटी पर भी खरी उतर चुकी हैं, से लेकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति के तहत शोध कर पायी गयीं। ज्ञान का भंडार का खजाना 15000 लोगों ने साझा किया।
63वें ऑल इंडिया आब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी (एआईसीओजी 2020) का समापन रविवार को हो गया। 29 जनवरी से 2 फरवरी तक चली इस कॉन्फ्रेंस में 1200 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये, जिसमें लखनऊ के केजीएमयू से डॉ. मोनिका अग्रवाल, डॉ. मोना उस्मानी, डॉ. आयुषी और डॉ. रूबी के शोधपत्र भी शामिल हैं। डॉ. मोनिका ने बताया कि ये शोधपत्र गर्भवती महिलाओं से जुड़े हुए हैं। जो चिकित्सा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। इसके अलावा वीडियो प्रेजेंटेशन भी हुए।
इतनी बड़ी संख्या में शोध पत्रों को प्रस्तुत करने के लिए अलग-अलग 10 हॉल रिद्धी, सिद्धी, विनायक, कपिला, वैदेही, मैथिली, नालंदा, राघवम, केशवम, और शतानंद तैयार किये गये थे। कॉन्फ्रेंस स्थल पर राम दरबार के साथ ही सरस्वती मां का मंदिर भी बनाया गया था। पांचवें और अंतिम दिन पुरस्कारों के वितरण के साथ अगले साल इंदौर में होने वाली कॉन्फ्रेंस में मिलने का वादा लेकर समारोह का समापन हो गया।
इस कॉन्फ्रेंस की आयोजन अध्यक्ष डॉ चंद्रावती व आयोजन सचिव डॉ प्रीति कुमार के साथ उनकी टीम ने महीनों की मेहनत के बाद इस आयोजन को सफलतापूर्वक कर पायीं। डॉ प्रीति कुमार ने समापन समारोह के मौके पर कहा कि इस सफल आयोजन का श्रेय मैं सबसे पहले ईश्वर को देती हूं उसके बाद अपने परिवार को देती हूं जिनके सहयोग से मैं इसे सफलतापूर्वक कर पायी। उन्होंने आयोजन टीम के सभी सदस्यों का इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार जताया।

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