Wednesday , October 11 2023

यूपी के 55 जिलों में सोमवार से शुक्रवार आंशिक कर्फ्यू में 12 घंटे की ढील

-लखनऊ सहित 20 जनपदों में फि‍लहाल कोई नयी छूट नहीं मिलेगी

-केसेज कम होने पर पहली जून से लागू की जा रही नयी व्‍यवस्‍था

-प्रत्‍येक शनिवार व रविवार को पूरे समय लागू रहेगा आंशिक कर्फ्यू

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में चल रहे आंशिक कोरोना कर्फ्यू में कुछ शर्तों के साथ आगामी 1 जून से ढील देने की गाइडलाइंस जारी की है, जिसके अनुसार जिन जिलों में सक्रिय केसों की संख्‍या 600 तक है, उनमें सप्‍ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक शर्तों के साथ कर्फ्यू में ढील दी जायेगी। आज 30 मई की स्थिति के अनुसार निर्धारित सक्रिय 600 मरीजों की संख्या के दायरे में प्रदेश के 55 जिले आ रहे हैं जबकि 20 जिलों में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 600 से ज्यादा है। यानी 12 घंटे कर्फ्यू में ढील 55‍ जिलों में दी जायेगी जबकि राजधानी लखनऊ सहित 20 जिलों में वर्तमान में चल रही व्‍यवस्‍था ही लागू रहेगी।

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी द्वारा सभी जिलों को भेजे गए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि आगामी 1 जून की प्रातः 7 बजे तक वर्तमान में चल रही व्यवस्था लागू रहेगी तथा 1 जून को प्रातः 7 बजे से नई गाइडलाइंस के अनुसार आंशिक कोरोना कर्फ्यू में 12 घंटे की छूट दी जाएगी कर्फ्यू में छूट सप्ताह के 5 दिनों सोमवार से शुक्रवार तक ही रहेगी तथा प्रत्येक शनिवार व रविवार को वर्तमान में चल रही आंशिक कोरोना कर्फ्यू की व्यवस्था लागू रहेगी।

दिशा निर्देश में कहा गया है कि कोविड कंटेनमेंट जोन के बाहर दुकान/ बाजार प्रातः 7 बजे से सांय 7 बजे तक खोले जाएंगे लेकिन दुकानों पर दुकानदार व स्टाफ के लिए मास्‍क की अनिवार्यता 2 गज की दूरी एवं सैनिटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा, यही अनिवार्यता खरीददारों के लिए भी लागू होगी। इस अनिवार्यता का उल्लंघन होने पर महामारी अधिनियम के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी, यही व्यवस्था सुपरमार्केट के लिए भी लागू रहेगी। शनिवार व रविवार साप्‍ताहिक बंदी रहेगी, इन दिनों में सफाई करना सुनिश्चित किया जाये।

इन जनपदों में फिलहाल कोई नई छूट नहीं

आज 30 मई की स्थिति को देखते हुए जिन 20 जिलों में 600 से ज्यादा सक्रिय मरीज होने के कारण कोई नई छूट नहीं दी जा रही है उनमें लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, बरेली, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, झांसी, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, सोनभद्र, जौनपुर, बागपत, मुरादाबाद, गाजीपुर, बिजनौर एवं देवरिया शामिल हैं। एक महत्‍वपूर्ण बात जो गाइडलाइंस में कही गयी है कि इन जिलों में जैसे ही कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 600 से कम हो जाएगी तो वहां भी दूसरे जनपदों की तरह आंशिक कर्फ्यू में ढील दी जाएगी वहीं जिन 55 जिलों में आंशिक कोरोना कर्फ्यू में 600 से कम मरीज होने के कारण ढील दी गई है, उनमें सक्रिय मरीजों की संख्या 600 से ज्यादा होते ही दी गई छूट वापस ले ली जाएगी।

गाइडलाइंस के अनुसार कोरोना अभियान से जुड़े फ्रंटलाइन सरकारी विभागों में पूर्ण उपस्थिति रहेगी एवं शेष सरकारी कार्यालय 50% उपस्थिति के साथ खुलेंगे, इन 50% कर्मियों को रोटेशन से बुलाया जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक कार्यालय में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना करना अनिवार्य होगा। इसी प्रकार निजी कंपनियों के कार्यालय भी मास्‍क, दो गज की दूरी व सैनिटाइजर के प्रयोग की अनिवार्यता के साथ खुल सकेंगे।

गाइडलाइंस के अनुसार औद्योगिक संस्थान खुले रहेंगे एवं इन संस्थानों में कार्यरत कर्मियों को उनके आईडी कार्ड या इकाई के प्रमाण पत्र के आधार पर आने-जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। सब्जी मंडिया पूर्व की भांति खुली रहेंगी लेकिन घनी आबादी में संचालित होने वाली सब्जी मंडियों को प्रशासन खुले स्थान पर संचालित करवाते हुए खुलवायेंगे। औद्योगिक संस्‍थानों, सब्‍जी मंडियों में कोविड हेल्‍प डेस्‍क बनाना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त स्कूल कॉलेज व प्रशिक्षण संस्थान शिक्षण कार्य के लिए बंद रहेंगे ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति विभागीय आदेशों के अनुरूप होगी। इसी प्रकार बैंक, बीमा कंपनियां भुगतान प्रणालियों व अन्य वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनियों की शाखाएं कार्यालय खुले रहेंगे इन्हें भी कोविड के सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।

इसके अतिरिक्‍त रेस्टोरेंट्स से सिर्फ होम डिलीवरी की अनुमति होगी। जबकि हाईवे व एक्सप्रेस वे के किनारे ढाबे व ठेले-खोमचे वालों को 2 गज की दूरी व मास्‍क के साथ खोलने की अनुमति रहेगी। कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य स्थानों में स्थित धर्म स्थलों के अंदर एक बार में एक स्थान पर 5 से अधिक श्रद्धालु नहीं रह सकेंगे। गाइडलाइंस के अनुसार रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट एवं रोडवेज बस में भी दूरी, मास्‍क और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था के साथ-साथ स्क्रीनिंग, एंटीजन टेस्ट भी किये जायेंगे जिससे लक्षणयुक्त व्यक्तियों को उपचार के लिए अस्पताल रेफर किया जा सके। यहां भी कोविड हेल्प डेस्क आवश्यक होगी।