लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) का दीक्षांत समारोह 29 जनवरी को मनाया जायेगा। समारोह में तीन चिकित्सक शिक्षकों को डॉक्टरेट ऑफ साइंस (डीएससी) की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। उपाधि से सम्मानित होने वालों में केजीएमयू के ही पूर्व सर्जन डॉ. टीसी गोयल समेत स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर, न्यूयार्क ,यूएसए के प्रो.यूमान फाँग व एंट्री यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल,लिवरपूल के प्रो. ग्रैमी पोस्टन होंगे।
ज्ञात हो कि केजीएमयू के दीक्षांत समारोह में प्रतिष्ठित एवं विशेष योगदान देने वाले चिकित्सा शिक्षकों को मानद उपाधि से सम्मानित किया जाता है। डीएससी की उपाधि से सम्मानित होने वाले डॉ. टीसी गोयल ने बताया कि उन्होंने केजीएमयू से ही अपनी चिकित्सा शिक्षा की शुरुआत की और वहीं से वह एक शिक्षक के रूप में रिटायर हुए। उन्होंने बताया कि उन्होंने 1957 में एमबीबीएस में केजीएमयू में प्रवेश लिया तथा 1962 में एमबीबीएस पूरा किया। इसके बाद 1965 में उन्हें एमएस की डिग्री प्रदान की गयी और 1966 में उन्होंने वहीं लेक्चरर के रूप में शिक्षण का कार्य आरम्भ कर दिया। 33 साल के सफल कार्यकाल के बाद 1999 में प्रोफेसर के रूप में वे केजीएमयू से सेवानिवृत्त हुए। डॉ. गोयल ने बताया कि पढ़ाना और किताबें लिखना उनका सबसे बड़ा शौक है। इसलिए रिटायर होने के बाद भी केजीएमयू में एमिरटस प्रोफेसर के रूप में जुड़े हैं। इसके अलावा उन्होंने कुल 21 किताबें लिखी हैं, इसमें 9 नॉन मेडिकल और 12 मेडिकल की किताबें लिखी हैं। सर्जरी में हिंदी की पहली किताब ‘टेक्स्ट बुक ऑफ सर्जरी इन हिंदी’ लिखने का श्रेय भी डॉ. टीसी गोयल को जाता है। इसके अलावा 1999 जनवरी में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने उन्हें बेस्ट टीचर ऑफ केजीएमयू के अवार्ड से सम्मानित किया था। उन्होंने ही उनकी सर्जरी में हिंदी की पहली किताब का विमोचन किया था।

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