-तबादला नीति को लेकर कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा कर रहा है 11 जुलाई को रैली का आयोजन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। फार्मेसिस्ट फेडरेशन ने कार्मिक विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के पैरा 12 को संशोधित करने एवं वेतन विसंगति, पदों के पुनर्गठन, मानक संशोधन सहित अनेक मांगों को लेकर कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा द्वारा घोषित 11 जुलाई को प्रदेश के हर जनपद में मोटरसाइकिल रैली में जोरदार भागीदारी करने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव एवं महामंत्री अशोक कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि रैली के पश्चात जनपदों के जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन का भी प्रेषण किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि अभी तक मान्यता प्राप्त संघों के प्रांतीय मंडल जिला अध्यक्ष सचिव को सामान्य स्थानांतरण से मुक्त रखा जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष जारी स्थानांतरण नीति में इसमें संशोधन कर दिया गया है जो कर्मचारी संघों के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगता है, जिससे प्रदेश भर के कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने स्थानांतरण नीति 2023 के उपरोक्त पैरा का विरोध किए जाने का निर्णय लिया गया है।
फेडरेशन ने एक स्वर से मांग की है कि तत्काल स्थानांतरण नीति 2023 के उपरोक्त पैरा 12 को संशोधित करते हुए पूर्व की भांति व्यवस्था स्थापित की जाए। इसके साथ ही विभिन्न संभागों की वेतन विसंगतियां, पदनाम परिवर्तन, मानक संशोधन नियमावली सहित मोर्चे की अनेक मांगें लंबित बनी हुई हैं, जिस पर विगत 2 वर्षों से कोई भी बैठक उच्च स्तर पर आयोजित नहीं की गई है जिसके कारण कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।
फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी नायक ने कहा कि पूर्व की नीतियों में में यह निहित होता था कि “सरकारी सेवकों के मान्यता प्राप्त सेवा संघ के अध्यक्ष/सचिव, जिनमें जिला शाखाओं के अध्यक्ष एवं सचिव भी सम्मिलित हैं, के स्थानांतरण, उनके द्वारा संगठन में पदधारित करने की तिथि से 2 वर्ष तक न किए जाएं। यदि स्थानांतरण किया जाना अपरिहार्य हो तो स्थानांतरण हेतु प्राधिकृत अधिकारियों से एक स्तर उच्च अधिकारी का पूर्वानुमोदन प्राप्त किया जाए। जिला शाखाओं के पदाधिकारियों के स्थानांतरण प्रकरणों पर जिलाधिकारी की पूर्व अनुमति प्राप्त की जाए”।
अत्यंत खेद का विषय है कि यदि पदाधिकारी 2 वर्ष से अधिक तक अध्यक्ष /सचिव के पद पर निर्वाचित होता रहता है तो उन्हें यह सुविधा उनके किसी जनपद के कार्यकाल की अवधि के आधार पर इस नीति के अनुसार स्थानांतरण परिधि में आने वाले सत्र से अधिकतम 2 वर्ष तक मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व की परंपराओं में फेरबदल करना कर्मचारी संघों के अस्तित्व पर हमला एवं कर्मचारियों के लिए लोकतंत्र पर प्रहार है।
फेडरेशन ने कहा कि कर्मचारी संगठनो के प्रतिनिधि सरकार, शासन व कर्मचारियो के मध्य सेतु का कार्य करते हैं। ऐसी दशा में संघों को कमजोर करने की साजिश, कदापि उचित नहीं है। इस आंदोलन में प्रदेश के सभी विधाओं के सभी विभागों, संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत फार्मेसिस्ट भागीदारी करेंगे।