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केजीएमयू के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की जननांग कैंसर नियंत्रण इकाई की सराहनीय पहल

-महिलाओं में होने वाले विभिन्न कैंसर के निदान व उपचार पर राज्यस्तरीय दो दिवसीय पीजी सीएमई प्रारम्भ

-प्रदेश में पढ़ने वाले अधिक से अधिक पीजी स्टूडेंट्स को मिलेगा सीखने का मौका

सेहत टाइम्स

लखनऊ। स्त्री रोग संबंधी कैंसर विषय पर केजीएमयू के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की जननांग कैंसर नियंत्रण इकाई ने में 6 और 7 सितंबर 2024 को दो दिवसीय राज्यव्यापी स्नातकोत्तर सीएमई आयोजित की है। इस सीएमई का उद्देश्य प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले पीजी स्टूडेंट्स को इसके निदान और उपचार की जानकारी देना है, ताकि इन कैंसर के प्रति जागरूकता कार्यक्रम को बढ़ाते हुए शुरुआती स्टेज में ही कैंसर की डायग्नोसिस और उपचार करने में सक्षम चिकित्सकों को तैयार किया जा सके। वर्तमान में बड़ी संख्या में महिलाओं में होने वाले इन कैंसर के बारे में कुछ ही चुनिंदा मेडिकल संस्थानों में ही पीजी स्टूडेंट्स को शिक्षा दी जाती है।

सीएमई की संयोजक जननांग कैंसर इकाई की प्रभारी प्रोफेसर निशा सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सीएमई का उद्घाटन आज 6 सितम्बर को कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद ने किया। कुलपति ने कार्यक्रम की बहुत सराहना करते हुए अपना आशीर्वाद दिया और जननांग कैंसर इकाई को इस प्रयास के लिए बधाई दी। प्रो निशा सिंह ने बताया कि स्त्री रोग संबंधी कैंसर दुनिया भर में महिलाओं को प्रभावित करने वाले सबसे आम कैंसर हैं। उन्होंने कहा कि भारत के परिप्रेक्ष्य में देखा जाये तो यहां गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर सबसे आम स्त्री रोग है, इसके बाद डिम्बग्रंथि, एंडोमेट्रियल, जेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक और वल्वा योनि कैंसर हैं।

उन्होंने बताया कि इन कैंसरों के उपचार की सुविधाएं उत्तर प्रदेश में केवल कुछ क्षेत्रीय कैंसर केंद्रों या उच्च प्रतिष्ठा वाले मेडिकल कॉलेजों में ही उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि यह दो दिवसीय सीएमई है जिसमें प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के पोस्ट ग्रेजुएट भाग ले रहे हैं। इस पहले बैच में मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, सैफई, एम्स रायबरेली, आरएमएल इंस्टीट्यूट और केजीएमयू के छात्र शामिल हैं। प्रो निशा ने बताया कि चार संकाय सदस्य सर्वाइकल, एंडोमेट्रियल, ओवेरियन, वल्वा कैंसर, जेस्टेशन ट्रोफोब्लास्टिक नियोप्लासिया और वंशानुगत स्त्री रोग कैंसर पर सत्र ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि अच्छी बात यह है कि सीएमई में दी जा रही जानकारी और इंटरेक्टिव सत्र से छात्र बहुत खुश हैं। यह सीएमई हर 3-4 महीने में दोहरायी जाएगी ताकि अधिक से अधिक छात्र कार्यक्रम से लाभान्वित हो सकें।

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