-पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने दुर्लभ बीमारी एच टाइप ट्रेकिओसोफेगल फिस्टुला का किया सफल उपचार
सेहत टाइम्स
लखनऊ। बच्चों को अनेक प्रकार के ऑपरेशन करके उन्हें सामान्य जीवन का सुख देने वाले केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो जेडी रावत और उनकी टीम ने एक बार फिर जन्मजात दिक्कत को सर्जरी से ठीक करते हुए सात माह की बच्ची को जिन्दगी और उसके माता-पिता के चेहरे पर खुशी दी है। इस बच्ची के जन्मजात सांस और भोजन की नली आपस से जुड़ी हुई थी, जिस वजह से बच्ची दूध नहीं पी पा रही थी, इसे जटिल सर्जरी के बाद अलग कर दिया गया है। यह एच टाइप ट्रेकिओसोफेगल फिस्टुला (TEF) बहुत ही दुर्लभ बीमारी है, यह बीमारी एक लाख जन्मे बच्चों में से एक बच्चे में होने की सम्भावना होती है। ट्रेकिओसोफेगल फिस्टुला के विभिन्न प्रकारों में ये केवल चार प्रतिशत बच्चों में पायी जाती है।
हरदोई निवासी बिजनेश परिवार की रोजी-रोटी के लिए लुधियाना (पंजाब) में काम करता है। 7 माह पहले उसकी पत्नी दिव्या ने एक बेटी को जन्म दिया। परिवार में ख़ुशी का माहौल था, पर जन्म के बाद जब भी बच्चे को दूध पिलाया जाता था तो उसकी सांस उखड़ने लगती थी और उसका रंग नीला पड़ जाता था । इस कारण से नवजात शिशु को कई बार NICU में भर्ती करना पड़ा। अपने किसी रिश्तेदार की सलाह पर मरीज के माता पिता उसको लेकर बाल विभाग किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में इलाज के लिए लाये।
यहां पर लगभग तीन महीने इलाज किया गया और मरीज को नली के द्वारा दूध पिलाया गया, पर मरीज को जैसे ही दूध पिलाया जाता उसको फिर से खांसी आना और न्युमोनिया जैसे लक्षण होने लगते थे। मरीज की खाने की नली की दूरबीन द्वारा जाँच में पता चला कि मरीज की खाने की नली एवं श्वासनाली में जन्म-जात जुड़ाव था। मरीज को सर्जरी के लिए पेडियाट्रिक सर्जरी विभाग में रेफर किया गया।
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में प्रोफेसर जेडी रावत एवं उनकी टीम ने श्वास नली की दूरबीन से जांच कर के खाने की नली एवं श्वासनली के जुड़ाव को देखा और मरीज का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन बहुत जटिल था, मरीज की छाती खोल कर खाने की नली एवं श्वासनली को अलग किया गया ऑपरेशन के बाद बच्चे को दो दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया। अब बच्चा आराम से दूध पी पा रहा है और उसके माता-पिता बेहद खुश हैं। कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने सर्जिकल टीम को सफलता के लिए बधाई दी।
ऑपरेशन की टीम – प्रो जेडी रावत, डॉ पीयूष कुमार, डॉ प्रीति कुमारी
एनेस्थेसिया -डॉ सतीश वर्मा एवं टीम
नर्सिंग स्टाफ- सिस्टर रीता