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जैसा फ्रैक्चर और जैसा मरीज का जॉब, उसी हिसाब से मौजूद है उसका आधुनिक उपचार

AOTRAUMA सम्मलेन का पहला दिन, फ्रैक्चर होने पर लम्बे समय तक पड़े रहने का गया ज़माना

 

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज से तीन दिनों के लिए विश्व भर से आये ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों का जमावड़ा लगा है. गोमती नगर स्थित AOTRAUMA सम्मलेन की आज हुई शुरुआत में कई व्याख्यान दिए गए. आज हुए व्याख्यानों की खास बात यह थी कि शरीर के अलग-अलग हिस्सों में हुए फ्रैक्चर के उपचार के नए-नए तरीकों के बारे में बताया गया. हेल्थसिटी हॉस्पिटल के निदेशक व सम्मलेन के आयोजन सचिव डॉ. संदीप कपूर ने बताया कि कांफ्रेंस में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमे प्रमुख हैं विभिन्न प्रकार के फ्रैक्चर और उनका इलाज व सर्जरी। इस की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए डॉ कपूर ने कहा की नए तरीके न सिर्फ इलाज को जल्दी पूरा कर देते हैं बल्कि मरीज का खर्च भी कम हो जाता है। साथ ही इलाज के जल्द पूरा होने से मरीज काम पर जल्दी जा सकता है।

 

डॉ संदीप गर्ग ने बताया की कांफ्रेंस में विभिन्न प्रकार की हड्डियों के फ्रैक्चर जैसे की हाथ, कुल्हा, कन्धा, व एड़ी अदि के फ्रैक्चर और उनके इलाज की विभिन्न तकनीकों पर चर्चा हो रही है. उन्होंने बताया कि व्याख्यान की खास बात यह रही कि इसमें बताया गया कि दो अलग-अलग लोगों के एक ही तरह के फ्रैक्चर होने के बाद भी उसका इलाज दोनों के लिए अलग-अलग है. उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए है कि मरीज की आयु और वह  किस प्रकार का वर्क करता है, और उस काम को करने में प्रभवित अंग का इस्तेमाल कितना होता है, उसके हिसाब से उपचार की योजना तय की जाती है. उन्होंने बताया कि इसी प्रकार हाथ के फ्रैक्चर में जो हड्डी टूटी है उसको ही फिक्स कर दिया जाता है उसकी वजह से दूसरी हड्डियों को नहीं छेड़ा जाता है.

 

जमाल अशरफ के द्वारा “फ्रैक्चर एनाटोमी एंड प्लानिंग अल्गोरिथम”, बलविंदर राणा के द्वारा “पिल्लिओंन फ्रैक्चर  इसीसन  चॉइस  एंड प्लेसमेंट” सी ओर्तीज के द्वारा  “केस बेस्ड प्लेनरी:  कम्प्लीकेशन  ऑफ  पीलिओन फ्रैक्चर”  सहित  कई  व्याख्यान  हुए। प्रथम दिन एम एस ढिल्लों, राजीव शाह,  लेस ग्रूजिक, सम्पत डी पाटिल व अन्य  वक्ताओं  ने  सत्र   में  वक्तव्य  दिए।

 

 

डॉ संदीप गर्ग ने बताया की आयोजन के दूसरे दिन एक पूरा सत्र फुट एंड एंकल पर रखा गया है क्यूंकि सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले बड़ी संख्या में इस हड्डी पर भी चोट खाते हैं।  इस कांफ्रेंस में ऐसी चोट के लिए नए प्रोटोकॉल बनाये जा रहे हैं. ऑफिस में में काम करने वाले व्यक्ति हो या फिर कामकाजी महिला हर एक मरीज की अपनी आवश्यकता अनुसार इलाज जरूरी है.इसीलिए कांफ्रेंस में कई वक्ता कम्प्लीकेशन पर भीवक्तव्य देंगे।

 

विशेष आमंत्रित वक्ताओं में शामिल हैं चिली सेक्रिस्टियन ओर्तीज, जर्मनी से फ्रेड्रिच बॉमगाऐर्टेल,ऑस्ट्रेलिआ से लेस ग्रूजिक और चीन से जिन बाओ वू।वहीँ भारत से वक्त के रूप में डॉ एम् एस ढिल्लों, डॉ संदीप कपूर, डॉ संदीप गर्ग, डॉ राजीव शाह, डॉ बलविंदर राणा, डॉ मंगल परिहार शामिल हैं।

 

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