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उप्र को डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया तथा जेई/एईएस से मुक्त करने में सहयोग देगा डब्ल्यूएचओ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि प्रदेशवासियों को उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य है। टीबी के समूल नाश के लिए प्राइवेट चिकित्सालयों को भी इस मिशन में शामिल किया जाएगा।
-विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि ने मंत्री को दिया आश्वासन
-वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य : स्वास्थ्य मंत्री
-जेई/एईएस उन्मूलन में भी पोलियो में लगी टीम की मदद लेंगे
श्री सिंह ने यह विचार आज यहां विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने डब्ल्यूएचओ से टीबी रोग के निवारण के लिए रणनीति बनाने में सहयोग प्रदान करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि जैपनीज इन्सेफिलाइटिस (जेई)/एक्यूट इन्सेफिलाइटिस सिन्ड्रोम (एईएस) की रोकथाम हेतु शत प्रतिशत टीकाकरण होना चाहिए। जिन कर्मियों ने पोलियो उन्मूलन में अपना विशेष योगदान दिया है, जेई/एईएस के निराकरण हेतु उनकीे सेवा की नितान्त आवश्यकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. हेंक बेकेडेम ने स्वास्थ्य मंत्री को प्रदेश में बेहतर एवं उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में हर सम्भव मदद आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि आज जिन प्रस्तावों पर चर्चा की गई है, शीघ्र ही इन पर निर्णय लिया जाएगा और प्रदेश को डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया तथा जेई/एईएस से मुक्त बनाने में पूरा सहयोग प्रदान किया जाएगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरुण कुमार सिन्हा, सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती बी हेकाली झिमोमी, आलोक कुमार, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पद्माकर सिंह सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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