-कील लगे व कंटीले तारों से लिपटे डंडों से भी किया चीनी सैनिकों ने हमला

लखनऊ/नयी दिल्ली। लद्दाख में भारत-चीन एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) सीमा पर 15-16 जून की आधी रात के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गयी, इसमें भारत के एक अधिकारी रैंक तथा दो जवान शहीद हो गये। झड़प में भारतीय सैनिकों द्वारा भी मुंहतोड़ जवाब दिये जाने की खबर है, इसमें चीन के पांच सैनिक मारे गये जबकि 11 सैनिक घायल हो गये हैं। फिलहाल सीमा पर इस तरह के हालात 50 साल बाद बने हैं, हालांकि दोनों ही ओर से गोलियां चलाने की खबर नहीं हैं, यह झड़प पत्थरों, लाठियों जैसे हथियारों से हुई है, खबर है कि चीनी सैनिकों लाठियों पर कीलें लगा रखी थीं, तथा कंटीले तार लपेट रखे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच लद्दाख में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच सोमवार रात करीब तीन घंटे हिंसक झड़प हुई। इस झड़प में भारतीय सेना के एक अफसर समेत दो जवान शहीद हो गए हैं। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार झड़प में चीन के भी 5 सैनिक मारे गए हैं तथा 11 घायल हुए हैं। झड़प के बाद चीन की ओर से बयान जारी किया गया है, इसमें कहा गया है कि भारत से बातचीत के जरिये विवाद को सुलझाएंगे।
भारतीय सेना की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया है. इसके मुताबिक, “गलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं. दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं.”
गलवान घाटी में पिछले एक माह से डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया चल रही है। इसी प्रक्रिया के दौरान चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हो गई। सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिक पीछे हटने को तैयार नहीं थे। गलवान वैली में 6 जून की मीटिंग के बाद सैनिकों को पीछे हटने की प्रक्रिया चल रही थी। 6 जून को कोर कमांडरों की बैठक हुई थी। इसमें तय हुआ था कि सैनिक पीछे हटेंगे।
फिलहाल भारत में भी बैठकों का दौर जारी है, समझा जाता है कि इसमें घटना तथा आगे की रणनीति पर बात चल रही है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हैं।
