Saturday , July 6 2024

संजय गांधी पीजीआई में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर ने सीएमएस पर लगाया प्रताड़ना का आरोप, रोजाना चार घंटे धरने का ऐलान

-निदेशक को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग, कई अन्य मांगें भी गिनायीं

-सीमा शुक्ला इससे पूर्व रह चुकी हैं संस्थान में नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष

सीमा शुक्ला

सेहत टाइम्स

लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई में पल्मोनरी विभाग में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर पद पर तैनात नर्सिंग एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वह व्यक्तिगत तौर पर उनकी ड्यूटी को लेकर दबाव बना रहे हैं जबकि नियमानुसार नर्सिंग संवर्ग मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के अधीन नहीं है। इस संबंध में उन्होंने निदेशक को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। पत्र में सीमा शुक्ला ने 9 बिंदुओं का जिक्र करते हुए अपनी मांगें रखते हुए कहा है कि इन मांगों को जब तक पूरा नहीं किया जाएगा तब तक वह प्रातः 10:00 बजे से अपरान्ह 2:00 तक 4 घंटे सांकेतिक धरना देती रहेंगी। उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा दिए जा रहे सांकेतिक धरने से मरीजों का कोई काम प्रभावित नहीं होगा। ज्ञात हो सीमा शुक्ला मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय पर अकेले ही धरना दे रही हैं।

पत्र में कहा गया है कि व्यक्तिगत तौर पर प्रशासन द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। पत्र में कहा गया है कि नर्सिंग संवर्ग मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के अधीन नहीं है इसलिए सीएमएस टारगेट न करें। उन्होंने कहा है कि संस्थान में नर्सिंग संवर्ग की ड्यूटी में किसी भी विभाग अध्यक्ष का हस्ताक्षर नहीं होना चाहिए। साथ ही नर्सिंग संवर्ग का एसीआर सीएनओ द्वारा भरा जाना चाहिए। इसके साथ ही नर्सिंग संवर्ग में एनएस, डीएनएस एएनएस, एसएनओ, एनओ को उनके कार्य अनुसार दायित्व दिए जाएं, संस्थान में समस्त कैडर को उनके नियमानुसार कार्य दिए जाएं। उन्होंने यह भी कहा है कि संस्थान में जो भी फैकेल्टी, जिन्हें प्रशासनिक कार्य दिए गए हैं, उनसे वापस लिए जाएं।

इसके अलावा पत्र में कहा गया है कि नर्सिंग संवर्ग एवं संस्थान के समस्त कैडरों के 50% डीए का अलाउंस अभी तक वेतन में नहीं लगाया गया है, इसे जल्द से जल्द लगाया जाए। उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा है कि कैडर पुनर्गठन हुए लगभग 2 साल होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक उसके एरियर का भुगतान नहीं किया गया है उसे भी कराया जाए। सीमा शुक्ला ने अपने पत्र में कहा है कि व्यक्तिगत तौर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा मेरी ड्यूटी को लेकर दबाव बनाना नियमानुसार उचित ही नहीं, निंदनीय भी है एवं मेरी इंचार्ज पर भी दबाव बनाया गया है जिससे वह आहत होकर मजबूर होकर उन्होंने मेरी ड्यूटी लगाई है, जो कि गलत है, इसका स्पष्टीकरण मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से लिया जाए।

सीमा ने यह भी कहा है कि क्योंकि पूर्व में मैंने नर्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष के पद पर 9 साल कार्य किया है, व्यक्तिगत तौर पर 2000 नर्सों के नर्सिंग संवर्ग में केवल मेरी ड्यूटी को लेकर इस तरह मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का ऐसा रवैया दिशा को अलग मोड़ देता है जिससे मैं अपने मुद्दों और मांगों को लेकर भटक जाऊं और पीछे हट जाऊं। पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि हमारी मांगों को जब तक पूरा नहीं किया जाएगा तब तक सांकेतिक धरना चलता रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.