-डिहार-डीआरडीओ ने उच्च तुंगता वाले क्षेत्रों के लिए अनुसंधान कर तैयार किये हैं उत्पाद
–डिफेंस एक्सपो-2020 में डिहार-डीआरडीओ के टेक्निकल ऑफीसर से विशेष बातचीत
धर्मेन्द्र सक्सेना
लखनऊ। लेह लद्दाख की दुर्गम और ऊंची बर्फीली चोटियों, सियाचिन जैसे क्षेत्र, जहां पर तापमान शून्य से 50 डिग्री तक नीचे चला जाता है, ऐसे स्थानों पर देश की रक्षा के लिए तैनात जांबाजों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन (डीआरडीओ) के रक्षा उच्च तुंगता अनुसंधान संस्थान (डिहार) ने अनेक उत्पादों को अनुसंधान करके तैयार किया है, जो शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट को बढ़ाते हैं। डिहार-डीआरडीओ ने जो उत्पाद तैयार किये हैं उनमें चाय, कैप्सूल, क्रीम इत्यादि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे स्थानों पर डिहार ने ग्रीन हाउस भी तैयार किये हैं जो कम तापमान में भी खेती के लायक रहें।
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लखनऊ में चल रहे डिफेंस एक्सपो-2020 में रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन के रक्षा उच्च तुंगता अनुसंधान संस्थान (डिहार) के टेक्निकल ऑफीसर मोहन सिंह ठाकुर से ‘सेहत टाइम्स’ ने विशेष बातचीत कर इस बारे में जानकारी ली। श्री ठाकुर ने बताया कि उच्च तुंगता (समुद्र तल से बहुत ऊंचाई वाले क्षेत्र) वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी के कारण बॉडी में बहुत से फ्री रेडिकल्स बनते हैं, ऐसे में वहां पर तैनात सैनिकों और वहां के स्थानीय नागरिकों के लिए कई एंटी ऑक्सीडेंट प्रोडक्ट्स डिहार-डीआरडीओ ने तैयार किये हैं। इनमें ओमेगा-3 युक्त सीबकथोर्न कैप्सूल (जो मछली के तेल का शाकाहारी विकल्प है) भी शामिल है। इसके अलावा सीबकथोर्न हर्बल चाय, एंटी-ब्लैमिशेस पराबैंगनी सुरक्षा क्रीम, जोड़ रक्षा जैल, सीबकथोर्न पेय जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं।