-आईसीएमआर ने टीबी की जांच वाली सीबी नेट मशीन से जांच के लिए जारी किये दिशानिर्देश
-यूपी के सभी जिलों व मेडिकल कॉलेज में पहले से ही उपलब्ध है यह मशीन : डॉ सूर्यकांत

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। ट्यूबरकुलोसिस की जांच करने वाली सीबी नेट मशीन अब कोरोना वायरस की जांच करेगी। पूरी तरह से ऑटोमेटिक इस मशीन से जांच में एक घंटे का समय लगता है तथा 16 मॉड्यूल वाली सीबी नेट मशीन में एक बार में 16 नमूनों की जांच की जा सकती है, माना जा रहा है कि इससे कोरोना की जांच के कार्य में क्रांतिकारी परिवर्तन आयेगा। सीबी नेट से कोरोना वायरस की जांच के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने सभी राज्यों को गाइड लाइन्स भी जारी कर दी हैं।
यह जानकारी देते हुए केजीएमयू के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष, यूपी टीबी टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ सूर्यकांत ने बताया है कि उत्तर प्रदेश में मॉडयूल 4 वाली सीबी नेट की 141 मशीनें उपलब्ध हैं, जबकि 16 मॉडयूल वाली एकमात्र मशीन केजीएमयू में लगी है। इसके बारे में उन्होंने बताया कि 4 मॉड्यूल वाली मशीन में एक साथ चार नमूनों और 16 मॉड्यूल वाली मशीन में एक साथ 16 नमूनों की जांच की सुविधा है। डॉ सूर्यकांत ने बताया पूरे देश में इस तरह की 1156 मशीनें संचालित हो रही है।
देखें वीडियो : यूपी टीबी टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ सूर्यकांत ने टीबी की जांच करने वाली मशीन सीबी नेट से कोरोना की जांच किये जाने के बारे में दी महत्वपूर्ण जानकारी।
उत्तर प्रदेश में ये सभी सीबी नेट मशीनें मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में संचालित हैं, यानी कि जिला स्तर पर स्टाफ को प्रशिक्षित कर कोरोना की जांच की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि सीबी नेट मशीन में सामान्य कर्मचारी को प्रशिक्षण देकर ट्रेंड किया जा सकेगा जबकि जिला अस्पताल में पैथोलॉजिस्ट को ट्रेनिंग देकर रिपोर्टिंग भी स्थानीय स्तर पर मुमकिन हो सकेगी।
आपको बता दें कि कोरोनावायरस की जांच के लिए न्यूक्लिक एसिड आर एन ए मरीज के स्वैब से लैब में निकाला जाता है यह काम रियल टाइम मैथड से मैनुअल किया जाता है न्यूक्लिक एसिड को निकाल कर उसे पीसीआर मशीन में रन करना होता है इसलिए इसमें 4 घंटे का समय लगता है। जबकि सीबी नेट मशीन से जांच की बात की जाए तो यह कार्टेज बेस्ड न्यूक्लिक एसिड टेस्ट मशीन है इसमें मैनुअल काम करने की जरूरत नहीं है एक बार में नमूने को मशीन में लगाकर रन कर देने से 1 घंटे में जांच पूरी हो जाती है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में लगी 16 मॉड्यूल वाली सीबी नेट मशीन में ट्रायल के लिए 70 टेस्ट किये जा चुके हैं, सभी टेस्टिंग सफल रही हैं।

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