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डॉक्‍टरों की गीत-संगीत से लबरेज महफि‍ल में दिखे इंद्रधनुष के रंग

आईएमए के वार्षिकोत्‍सव में लगे जबरदस्‍त ठुमके, ‘जवां’ हुई मोहब्‍बत, झूमने पर मजबूर हुए दर्शक

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए लखनऊ के वार्षिकोत्‍सव के अवसर पर रविवार को आईएमए हॉल में गीत-संगीत से सजी शाम में संस्‍कृति के इंद्रधनुषी रंग दिखे। आईएमए से जुड़े चिकित्‍सकों व उनके परिजनों ने एक से बढ़कर एक गीत, कविता, नृत्‍य पेश किये। सर्जरी चाकू, स्‍टेथोस्‍कोप जैसे उपकरण पकड़ने वाले हाथों के जलवे ऐसे दिखे मानो बॉलीवुड आईएमए में उतर आया हो।  

माइक पर संचालन का दायित्‍व निभाया कल्‍चरल कमेटी की चेयरपर्सन डॉ सरिता सिंह और आईएमए कार्यकारिणी सदस्‍य डॉ अनीता सिंह ने। जिस अंदाज में इन दोनों चिकित्‍सकों ने एंकरिंग की, वह सराहनीय रही। समारोह की शुरुआत गणेश वंदना के साथ हुई, नृत्‍य के रंग में रंगी इस गणेश वंदना में डॉ निरुपमा मिश्रा पांडेय ने पार‍म्‍परिक वेशभूषा के साथ जब मनमोहक नृत्‍य प्रस्‍तुत किया तो उपस्थित दर्शकों ने जोरदार तालियां बजाकर अपनी प्रशंसा का अहसास कराया। रविवार को प्रसिद्ध छठ पूजा होने के कारण इस छठ पूजा की झलक कार्यक्रम का एक अंग बनी। इसमें डॉ सरस्‍वती देवी ने छठ पूजा के भजन ‘पहिले-पहिले हम कीन्‍ही छठी मइया व्रत तुम्‍हार… पर भावपूर्ण नृत्‍य प्रस्‍तुत किया। छोटी बच्‍ची अहाना श्रीवास्‍तव ने जय-जय महिषासुर मर्दिनी पर त्रिशूल के साथ मनमोहक नृत्‍य की प्रस्‍तुति दी।

गीतों की महफि‍ल की शुरुआत डॉ निधि निरंजन ने ‘जवां है मुहब्‍बत, हसीं है जमाना…’ गाकर महफि‍ल लूटी तो 75 की उम्र में डॉ एके गोयल ने जब ‘लिखे जो खत तुम्‍हें, वो तेरी याद में…’ गाकर बताया कि उम्र सिर्फ एक नम्‍बर है। डॉ मुकुलेश गुप्‍ता ने ‘दूर रहकर न करो बात करीब आ जाओ…’ सुनाकर समां बांधा। डॉ मनीष टंडन की बेटी पृशा और डॉ वीरेन्‍द्र यादव की बेटी आद्या ने 52 गज का लहंगा पर जब डान्‍स किया तो हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

डॉ पूनम मिश्रा ने कॉलेज के दिनों की एक कविता जिसमें उल्‍टा–पुल्‍टा जवाब दिया है, सुनाकर लोगों को गुदगुदाया तो अवनिका ने डान्‍स से लोगों की तालियां बटोरीं। डॉ अमित अग्रवाल ने ‘फूलों के रंग से, दिल की कलम से…’ गीत गाया तो डॉ अर्चना कनौडिया ने फि‍ल्‍म ताल के गीत ‘दिल ये बेचैन है…’ पर डान्‍स कर स्‍टेज पर धमाल मचाया। स्‍टेज पर उतरे आईएमए सचिव डॉ संजय सक्‍सेना ने जहां ‘है अपना दिल तो आवारा, न जाने किस पे आयेगा… और ‘बेकरार करके हमें यूं न जाइये, आपको हमारी कसम लौट आइये…’ गीत गाकर मदहोश किया वहीं पत्‍नी डॉ रितु सक्‍सेना के साथ ‘आजकल तेरे मेरे प्‍यार के चर्चे हर जुबान पर, सबको मालुम है और सबको खबर हो गयी…’ पर युगल नृत्‍य कर लोगों को झूमने पर मजबूर किया।

डॉ शिल्‍पी माहेश्‍वरी ने ‘घर मेरे परदेसिया, आओ पधारो पिया…’ और अरिजित सिंह के गीत ‘केसरिया तेरा इश्‍क है पिया’ पर डान्‍स कर जबरदस्‍त परफॉरमेंस दी। डॉ अशोक ने ‘आज से पहले, आज से ज्‍यादा खुशी आजतक नहीं मिली…’ गीत तो डॉ रेनू जैन ने ‘ये समां, समां है ये प्‍यार का, किसी के इंतजार का…’ गीत गाकर लोगों को मदहोश किया। डॉ दर्शन बजाज की बेटी प्रीति बजाज ने अपने नृत्‍य से लोगों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर किया। डॉ सीमा ने ‘दिल दीवाना बिन सजना के माने ना…’ प्रस्‍तुत किया जबकि डॉ शमीमा ने प्रेमी की प्रेमिका को कही गयी बात पर आधारित कविता ‘अस्तित्‍व‘ सुनायी। इसके बाद जब डॉ फातिमा ने गीत ‘ये मेरा दिल प्‍यार का दीवाना…’ गाते हुए लोगों को डान्‍स फ्लोर पर आमंत्रित किया तो डॉक्‍टरों ने नीचे स्‍टेज पर तो दोनों एंकर ऊपर स्‍टेज पर अपनी जगह खड़े होकर झूमने लगीं।

डॉ आलोक दीक्षित ने ‘हमें और जीने की चाहत न होती…’ सुनाया तो इसके बाद स्‍टेज पर अपने चिर-परिचित अंदाज में डान्‍स करने उतरे डॉ दर्शन बजाज ने ‘ओ ओ जाने जाना, ढूंढ़े तुझे दीवाना…’ से जो डान्‍स का अपना जलवा दिखाना शुरू किया, वो तीन-चार गीतों के टुकड़ों पर डान्‍स के साथ ही रुका। अपनी फि‍टनेस के लिए केजीएमयू में मशहूर डॉ दर्शन बजाज ने फि‍टनेस के साथ डान्‍स से महफि‍ल लूट ली।  

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