राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ की बैठक में लिया गया निर्णय
लखनऊ। वेतन उच्चीकरण, पदों का पुनर्गठन, उच्च पदों का सृजन, मानक के अनुसार पद बढ़ाने, पेशेंट केयर एलाउंस, होम्योपैथ फार्मासिस्टो के पंजीकरण, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एलोपैथिक का वेटरनरी फार्मासिस्ट के पद पर तैनाती, आयुर्वेद व होम्योपैथ फार्मासिस्टो के कैडर में उच्च पदों का सृजन व नियमावली का प्रख्यापन आदि प्रमुख मुद्दों पर शासन का ध्यान आकर्षण करने हेतु प्रदेश के सभी एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ, वेटरनरी, संविदा, जेल और विभिन्न चिकित्सा संस्थानों व अन्य विभागों के फार्मासिस्ट दिनाँक 21 नवम्बर 2019 को प्रदेश के सभी जनपदों में परिषद द्वारा घोषित मशाल जुलूस को पूर्णतः समर्थन करते हुए जुलूस में सम्मिलित होकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे।
यह निर्णय आज राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में लिया गया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ प्र के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि बैठक में आज चिंता व्यक्त की गई कि शासन स्तर पर कई बार हुए समझौतों वह वार्ताओं के बाद भी फार्मासिस्ट संवर्ग की समस्याएं लंबित हैं। लगभग 2 वर्ष पूर्व हुए शासनादेश के बावजूद कार्यरत होम्योपैथिक फार्मासिस्टों का पंजीकरण अभी तक नहीं किया गया और जिन पदों के सृजन पर सहमति बन चुकी है उनके शासनादेश निर्गत नहीं हो पा रहे हैं।
आयुर्वेद विधा के फार्मासिस्ट के पुनर्गठन की पत्रावली भी लंबित है, 2017 से ए सी पी का लाभ प्राप्त नही हो रहा है, वरिष्टता सूची नही बनी है जिससे पदोन्नतिया नहीं हो पा रही है। 27/05/2019 को निदेशक से 5 बिंदुओं पर सम्पन्न हुई वार्ता में उपरोक्त पर सहमति व्याप्त है पर क्रियान्वयन अभी तक नहीं हुई ।
पशुपालन विभाग में एलोपैथी विधा की औषधियां वितरित होती हैं, फार्मेसी एक्ट 1948 के अनुसार पशु चिकित्सालय में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एलोपैथी नियुक्त होने चाहिए । न्यूनतम योग्यता डिप्लोमा फार्मासिस्ट एलोपैथिक निर्धारित होने के बावजूद नियमावली संशोधन में अनेक अड़चनें पैदा की जा रही हैं एवं अनैतिक रूप से विधि के विपरीत अवैध पैरा वेटरनरी कौंसिल बनाने का प्रस्ताव शासन द्वारा किया जा रहा है। पदोन्नति भी बाधित हैं।
बैठक में संविदा फार्मासिस्ट की समस्याओं पर भी चर्चा की गई। एनएचएम में कार्यरत संविदा फार्मेसिस्ट का वेतन पुनरीक्षण नहीं हो सका है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार समान कार्य समान वेतन दिया जाना आवश्यक है जो नहीं हो पा रहा है। वहीं कुछ कार्यदाई संस्थाओं द्वारा सेवायोजित फार्मासिस्टो की सेवा समाप्त कर दी गई है।
प्रदेश के फार्मासिस्टो में रोष व्याप्त है। इसलिए प्रदेश भर के सभी विधाओं के फार्मासिस्ट राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर आंदोलन में शरीक होंगे।
आज बैठक में परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महासंघ व वेटरनरी के महामंत्री अशोक कुमार ,विद्या धर पाठक अध्यक्ष आयुर्वेद फार्मेसिस्ट एसो ,राजेश श्रीवास्तव महामंत्री होम्योपैथी फार्मेसिस्ट एसो उ प्र, जिला अध्यक्ष एस एन सिंह, सचिव जी सी दुबे, होम्योपैथ फार्मासिस्ट के अरविंद गुप्ता, आयुर्वेद फार्मासिस्ट संतोष, संविदा फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष प्रवीण यादव, सचिन, आयुष फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष अम्मार जाफरी, परिषद के प्रवक्ता व नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।