Wednesday , October 11 2023

18 मार्च को उपवास व धरना की तैयारी के लिए ताबड़तोड़ सभायें

-लम्बित मांगों को लेकर राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद कर रहा आंदोलन

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ  राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर पुरानी पेंशन बहाली, वेतन विसंगतियां दूर किए जाने, निजीकरण आउटसोर्सिंग व्यवस्था समाप्त कर वर्तमान में कार्य कर रहे संविदा और आउटसोर्सिंग  कर्मचारियों को स्थायी करने की नीति बनाए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आज वन विभाग के सभी कार्यालयों, गन्ना संस्थान कार्यालय और पशुपालन विभाग के मुख्यालय और सरोजिनीनगर स्वास्थ्य केंद्र के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की सभाएं हुईं, जिसमें कर्मचारियों ने एक स्वर से निर्णय लिया कि 18 मार्च को उपवास रखकर गांधी प्रतिमा पर धरना देंगे।

परिषद के जनपद अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव ने बताया कि आज प्रातः 10:00 बजे से विभिन्न कार्यालयों का भ्रमण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ, जिसमें सबसे पहले वन विभाग में डॉ पी के सिंह व आशीष पाण्डेय के नेतृत्व में सभा हुई उसके बाद सभी कार्यालयों में व्यक्तिगत रूप से कर्मचारियों से मुलाकात कर उन्हें पैम्‍फलेट बांटे गए। पैम्‍फलेट के माध्यम से कर्मचारियों को ‘परिषद की मांग तथा आंदोलन की आवश्यकता क्यों’ विषय पर जानकारी दी गई।

इसके बाद गन्ना संस्थान में अभय पांडे के नेतृत्व में कार्यालय में सभी कर्मचारियों से व्यक्तिगत मुलाकात की गई,  इसके बाद पशुपालन विभाग में फार्मासिस्ट महासंघ के महामंत्री अशोक कुमार के नेतृत्व में टीम द्वारा उपस्थित मुख्यालय के सभी कर्मचारियों से एक-एक कर मुलाकात की गई। इसके साथ ही परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव और उपाध्यक्ष सतीश यादव के नेतृत्व में एक टीम ने सरोजिनीनगर के सभी अस्पतालों में जनजागरण किया। भ्रमण करने वाली टीम में सुभाष श्रीवास्तव के साथ जनपद मंत्री संजय पांडे,  डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के संरक्षक आर एन डी द्विवेदी, परिषद के का सचिव अजय पांडे,  दिनेश सेठ, फार्मेसिस्ट फेडरेशन के उपाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, मनीष यादव, प्रवीण कुमार, सुनील कुमार, कमल श्रीवास्तव, राजेश चौधरी आदि शामिल रहे।

सुभाष श्रीवास्तव ने बताया कि 18 मार्च को लखनऊ जनपद के कर्मचारी एक दिवसीय उपवास रखते हुए धरना देंगे और धरने के पश्चात मुख्यमंत्री मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव कार्मिक को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा। इसके बाद भी अगर सरकार द्वारा मांगों पर कार्यवाही नहीं होती है तो बड़ा आंदोलन परिषद द्वारा घोषित कर दिया जाएगा।