Wednesday , October 18 2023

केजीएमयू में भर्ती होने वाले नवजात अब नहीं तरसेंगे मां के दूध को

केजीएमयू के ह्यूमन मिल्‍क बैंक में माताओं के दान किये दूध का स्‍टोरेज शुरू

डेढ़ किलोग्राम वजन से कम वाले शिशुओं को दी जायेगी प्राथमिकता

केजीएमयू के चिकित्‍सक की संस्‍तुति पर ही दिया जायेगा मिल्‍क बैंक से दूध

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में स्‍थापित उत्तर प्रदेश के पहले सम्पूर्ण स्तनपान प्रबंधन केन्द्र (सीएलएमसी) में ह्यूमन मिल्‍क बैंक में दूध का स्‍टोरेज शुरू हो गया है। फि‍लहाल यह सुविधा इन हाउस है यानी यहां स्थित नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट एनआईसीयू में भर्ती होने वाले उन शिशुओं के लिए हैं जो किसी न किसी कारण मां के दूध से वंचित है। ये दूध उन्‍हें एनआईसीयू के चिकित्‍सकों की संस्‍तुति पर दिया जायेगा।

डॉ माला कुमार
डॉ शीतल वर्मा

इस बारे में मीडिया प्रभारी डॉ विनोद जैन ने बताया कि सीएलएमसी की नोडल ऑफीसर डॉ माला कुमार के अनुसार ह्यूमन मिल्‍क बैंक में दूध का स्‍टोरेज शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत 23 अप्रैल को हुई है। उन्‍होंने बताया कि अभी ऐसे बच्‍चे जो मां के दूध के वंचित हैं और यहां एनआईसीयू में भर्ती हैं, उन्‍हे ही चिकित्‍सक की सलाह पर दूध उपलब्‍ध कराया जायेगा। इनमें भी जिन बच्‍चों का वजन डेढ़ किलो तक है, उन्‍हें प्राथमिकता दी जायेगी।

आपको बता दें कि केजीएमयू के उत्तर प्रदेश के इस पहले सम्पूर्ण स्तनपान प्रबंधन केन्द्र की नोडल ऑफीसर डॉ माला कुमार हैं, डॉ शीतल वर्मा दूध की क्‍वालिटी मेन्‍टेन करते हुए पॉश्‍चुराइजेशन और स्‍टरलाइजेशन का कार्य देखती हैं जबकि लैक्‍टेशन का कार्य क्‍वीनमैरी की डॉ रेनू सिंह देखती हैं।

 

विदित है कि शिशु को मां का दूध रूपी अमृत मिले इसके लिए सरकार की ओर से जागरूक करने का प्रयास तेजी से चल रहे हैं। केजीएमयू में सम्पूर्ण स्तनपान प्रबंधन केन्द्र की स्‍थापना भी इसी कॉन्‍सेप्‍ट को पूरा करने के लिए की गयी है।

 

प्रो जैन ने बताया कि बैंक में पहले चरण में जब गाय के दूध में संक्रमण को पूरी तरह रोकने में कामयाबी मिली तो दूसरे चरण में मां के दूध को लिया गया तथा उसे विसंक्रमित करके उनके नवजात जो एनआईसीयू में भर्ती होते थे, को दिया गया। अब कल मंगलवार से माताओं के दूध की स्‍टोरेज की जानी शुरू कर दी गयी है, ये दूध यहां भर्ती उन नवजातों के काम आयेगा जिन्‍हें किसी न किसी वजह से अपनी माताओं का दूध नहीं मिल पा रहा है।

 

आपको बता दें‍ कि पैदा हुए शिशु के लिए मां का दूध अमृत से कम नहीं है। जिस प्रकार इमारत में मजबूत नींव का महत्‍व होता है उसी प्रकार की मजबूती नवजात को मां के दूध से मिलती है।