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वैस्कुलर मालफॉर्मेशन सर्जरी कर आठ माह की बच्‍ची को दिया नया जीवन

-हेल्‍थ सिटी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ वैभव खन्‍ना ने की गरीब परिवार की बच्‍ची की फ्री सर्जरी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। मात्र 8 माह की मासूम बच्ची की गर्दन के साथ ही चेहरे पर भयावह तरीके से बढ़ रहा ट्यूमर उसे मौत की ओर ले जा रहा था। कोरोना काल के दौरान बच्ची को केजीएमयू लाने पर संक्रमण के चलते सर्जरी से मना कर दिया गया ऐसे में हेल्थ सिटी अस्पताल के निदेशक व वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ वैभव खन्ना ने न सिर्फ मासूम की सर्जरी की बल्कि बच्ची के परिवार माता-पिता की अत्यंत दयनीय आर्थिक स्थिति को देखते हुए ऑपरेशन की फीस सहित अस्पताल के दूसरे शुल्क भी माफ कर बच्ची को नया जीवन देते हुए उसकी स्वाभाविक सुंदरता को वापस लाने में भी अपना योगदान दिया। सिर्फ दवा आदि के खर्च पर बच्‍ची की सर्जरी हो गयी। आपको बता दें डॉ खन्‍ना गरीब परिवार के लोगों की इस तरह से बीच-बीच में मदद करते रहते हैं।

इस बारे में डॉ वैभव खन्ना ने बताया कि सीतापुर के निवासी आशाराम अत्यंत निर्धन हैं और मेहनत मजदूरी करके अपना व परिवार का भरण पोषण करते हैं आशाराम के 4 बच्चों ने सबसे छोटी 8 माह की प्रिया दाहिने गाल और गर्दन में खतरनाक बीमारी रक्त वाहिका में ट्यूमर (वेस्कुलर मालफारमेशन) वाहिका में ट्यूमर वैस्कुलर मालफॉर्मेशन से पीडि़त थी। बच्ची के गाल पर ट्यूमर तेजी से बढ़ता जा रहा था इसके इलाज के लिए आशाराम ने सीतापुर जिला अस्पताल में दिखाया जहां से उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के लिए रेफर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि जब आशाराम बच्ची को लेकर केजीएमयू पहुंचे तो कोरोना वायरस संक्रमण के चलते वहां उसका इलाज नहीं हो सका, थक हार कर आशाराम वापस अपने घर चले गए।

सर्जरी से पहले और सर्जरी के बाद

आशाराम ने बताया कि संयोग से पड़ोस के गांव के प्रधान वेदनाथ में उसे प्रिया को लखनऊ के गोमती नगर स्थित हेल्थ सिटी हॉस्पिटल के निदेशक व वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर वैभव खन्ना से मिलने की सलाह दी। डॉ वैभव खन्ना ने बताया कि बच्ची को लेकर जब उसके पिता उनसे मिले तो देखा कि बच्ची की स्थिति गंभीर होती जा रही है और अगर इसका जल्द ऑपरेशन नहीं किया गया तो जान का खतरा भी हो सकता है। उन्होंने बताया चूंकि बच्ची के पिता की आर्थिक हालत अत्यंत दयनीय थी ऐसे में फैसला किया कि खर्च में इसकी हरसंभव सहायता की जायेगी, इसी के तहत सर्जरी की फीस व अन्‍य खर्च माफ किये गये।  

डॉ खन्‍ना ने बताया कि वेस्कुलर मालफारमेशन जन्‍म से होने वाली बीमारी है, रक्त वाहिका में ट्यूमर बन जाने के कारण यह परेशानी होती है। ट्यूमर में अधिक रक्त प्रवाह होने की वजह से सामान्य तौर पर सर्जरी संभव नहीं होती। जरा सा चीरा लगाते ही खून का फव्वारा निकलने लगता है। ऐसे में रक्त प्रवाह को रोकना जरूरी होता है।

ऐसे हुई सर्जरी

डॉ खन्‍ना व उनकी टीम ने ट्यूमर की ब्लड सप्लाई रोक कर वेस्कुलर मालफारमेशन सर्जरी के जरिए मासूम प्रिया के चेहरे पर बढ़ रहे ट्यूमर का उपचार कर उसे एक नया जीवन प्रदान करते हुए समाज की मुख्यधारा में वापस ला दिया है जहां वह मुस्कुराते हुए अपना सम्पूर्ण जीवन बिता सकेगी।

उन्‍होंने बताया कि सर्जरी से गाल और गले का ट्यूमर निकालकर बच्‍ची के कान के पीछे से त्‍वचा का एक पैच लेते हुए उसे गाल पर लगाया गया है, भविष्‍य में चेहरे पर आने वाले निशान के बारे में पूछने पर उन्‍होंने बताया कि इसकी संभावना नगण्‍य है, क्‍योंकि पैच के लिए एक ही टुकड़े का इस्‍तेमाल किया गया है, दूसरी बात यह है कि पैच ज्‍यादातर उस जगह से जुड़ा है, जो चेहरे की बनावट के मोड़ पर आते हैं, तीसरी बात यह है बच्‍ची सिर्फ आठ माह की है, जैसे-जैसे उम्र बढ़ेगी, निशान समझ में ही नहीं आयेगा।