-वर्ल्ड हेड एन्ड नेक कैंसर दिवस पर एसजीपीजीआई में जागरूकता कार्यक्रम एवं सीएमई आयोजित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के निदेशक पद्मश्री प्रो आर के धीमन ने ज़ोर देकर कहा है कि हमारे देश में सिर और गर्दन के कैंसर से पीड़ित रोगियों की संख्या लगभग 30 से 40 प्रतिशत है। इन रोगियों के प्रबंधन के लिए ऐसे बहु-विषयक टीम दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें सिर और गर्दन के सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और पैलिएटिव केयर विशेषज्ञ शामिल हों। जहाँ प्रारंभिक चरण के कैंसर का उपचार मुख्य रूप से शल्य चिकित्सा द्वारा किया जाता है, वहीं एडवांस स्तर की बीमारी में सर्वोत्तम उपचार परिणाम के लिए एक बहु-विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।
प्रो धीमन ने यह बात संजय गाँधी पी जी आई के हेड एंड नेक सर्जरी विभाग द्वारा 28 जुलाई को विश्व हेड एंड नेक कैंसर दिवस के अवसर पर आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम और सी एम ई के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिये गये अपने सम्बोधन में कही।
अपने उद्घाटन भाषण में, डॉ. अमित केसरी ने बताया कि दुनिया भर में सिर और गर्दन के कैंसर के बढ़ते मामलों और उनसे जुड़े जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 27 जुलाई को प्रतिवर्ष विश्व सिर और गर्दन कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य जनसामान्य के साथ-साथ समुदाय पर सिर और गर्दन के कैंसर के पड़ने वाले प्रभाव को स्वीकार करना भी है। पान-मसाला, गुटखा, तंबाकू आदि का सेवन इस बीमारी के प्रमुख कारणों में से एक है, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाने के लिए हर स्तर पर काम करने की आवश्यकता है।

सिर और गर्दन के कैंसर सहायता समूह का शुभारंभ
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण सिर और गर्दन के कैंसर सहायता समूह का शुभारंभ था। कैंसर सहायता समूह कैंसर से पीड़ित लोगों और इस बीमारी से प्रभावित किसी भी व्यक्ति के लिए बैठते हैं। समूह का मुख्य उद्देश्य सिर और गर्दन के कैंसर से पीड़ित रोगियों को अन्य रोगियों और इलाज करने वाले सर्जनों से जोड़ना है।
इस कार्यक्रम में संस्थान के डीन प्रोफ़ेसर शालीन कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ देवेंद्र गुप्ता और विभागाध्यक्ष, रेडियोथेरेपी डॉ पुनीता लाल भी उपस्थित थे। प्रो शालीन कुमार, प्रो देवेंद्र गुप्ता और प्रो पुनीता लाल ने सिर और गर्दन के कैंसर के विभिन्न पहलुओं और उनके महत्व पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में संस्थान में सिर और गर्दन के कैंसर से निपटने वाले प्रमुख हितधारकों की बातचीत शामिल थी, जिसमें इन कैंसर के बेहतर प्रबंधन के लिए बहु-विषयक टीम दृष्टिकोण पर जोर दिया गया। डॉ नाजरीन हमीद (असिस्टेंट प्रोफेसर, सिर और गर्दन की सर्जरी) ने सिर और गर्दन के कैंसर के प्रमुख रोके जा सकने वाले कारणों पर प्रकाश डाला और बताया कि इन कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग कैसे की जा सकती है। डॉ रुद्र प्रकाश (असिस्टेंट प्रोफेसर, सिर और गर्दन की सर्जरी) ने भी प्रारंभिक चरण के मुख के कैंसर के प्रबंधन पर प्रकाश डाला। रेडियोथेरेपी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर पुनीता लाल ने कीमोरेडिएशन के बाद इन रोगियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की।
डॉ अमित रस्तोगी (एनेस्थीसिया विभाग) ने एनेस्थीसिया संबंधी चिंताओं पर प्रकाश डाला और डॉ. अंकुर (प्लास्टिक सर्जरी और बर्न विभाग) ने स्थानीय रूप से उन्नत मुख कैंसर के जटिल पुनर्निर्माण पर प्रकाश डाला। डॉ. मनोज जैन, विभागाध्यक्ष, पैथोलॉजी ने इन कैंसरों के रिसेक्शन के बाद महत्वपूर्ण हिस्टोपैथोलॉजिकल विशेषताओं पर बात की। डॉ. संजय धीराज ने सिर और गर्दन के कैंसर में दर्द और राहत के बारे में बात की।
अंत में कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए डॉ. इंदु शुक्ला (एसोसिएट प्रोफेसर, हेड एंड नेक सर्जरी) ने आयोजक टीम और प्रतिभागियों को हार्दिक धन्यवाद दिया।

