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जीविकोपार्जन नहीं, मानव सेवा का मार्ग है चिकित्‍सीय पेशा : सुरेश कुमार खन्‍ना

-केजीएमयू का 17वां दीक्षांत समारोह सम्‍पन्‍न, टॉपर्स को शुभकामनाओं की झड़ी
-कोरोना से जंग लड़ने वाले चिकित्‍सकों व स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को राज्‍यपाल ने बताया असली सुपर हीरो
-उपलब्धियां-दर-उपलब्धियां के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी ले ज डॉ बिपिन पुरी ने


सेहत टाइम्‍स
लखनऊ।
सुरेश कुमार खन्ना ने चिकित्‍सा शिक्षा के टॉपर्स को बधाई देते हुए उनका आह्वान किया कि आपने जिस पेशे को चुना है वह कोई जीविकोपार्जन का माध्यम नहीं बल्कि मानव सेवा का मार्ग है। एक चिकित्सक के पास मरीज बेहद तनाव और दुखी होकर आता है और इस विश्वास के साथ आता है कि आप ही उन्हें स्वस्थ कर सकते हैं।
सुरेश कुमार खन्‍ना ने यह आह्वान किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के 17 वें दीक्षांत समारोह में मुख्‍य अतिथि के रूप में सम्‍बोधित करते किया । आज 8 जनवरी को अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिपति एवं राज्यपाल, उत्तर प्रदेश, आनंदीबेन पटेल ने की । इसमें विशिष्टअतिथि के रूप में राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं तकनीकी शिक्षा, संदीप सिंह उपस्थित रहे।
अपने सम्‍बोधन में सुरेश कुमार खन्‍ना ने छात्र-छात्राओं को मेडल जीतने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह समावेशी भारत के निर्माण का प्रतीक है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना महामारी और भी विकराल रूप ले सकती थी लेकिन केन्द्र और राज्य सरकारों के गंभीर प्रयासों से काफी हद तक इसे रोकने में सफलता प्राप्त हुई है तथा के0जी0एम0यू0 ने कोरोना से जारी जंग में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । उन्होंने कोरोना मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना से जारी जंग मे उन सभी को धन्यवाद दिया जो इस विपरीत परिस्थीतियों में अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे तथा जिन चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी जान गंवाई यह देश उनका सदैव ऋणी रहेगा।

कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने सम्‍बोधन में मेडल एवं अवॉर्ड प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी और कोरोना महामारी से जारी जंग में केजीएमयू द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण एवं सार्थक भूमिका की सराहना करते हुए चिकित्सा विश्वविद्यालय की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने यह साबित कर दिया है कि असली सुपर हीरो ये चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी ही हैं, जिन्होंने बिना रुके निरंतर मरीजों की सेवा की। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के चिकित्सकों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को ऐसी जंग लड़ने पर विवश किया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, जंग अभी जारी है | राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से शोध कार्यों को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

इस अवसर पर कुलपति ने अतिथियों का स्‍वागत करते हुए केजीएमयू की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। कुलपति ने विगत एक वर्ष में चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों का उल्लेख किया गया। उन्‍होंने बताया कि एम0बी0बी0एस0 छात्रों के पहले बैच ने अक्टूबर 1911 में 31 छात्रों के साथ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया। तब से, के0जी0एम0यू0 ने 30,000 से अधिक पूर्व छात्रों को चिकित्सक बनाने का कार्य किया जो इस कॉलेज के गौरव हैं और भारत और दुनिया भर में चिकित्सा पेशे की सेवा कर रहे हैं। गांधी मेमोरियल एवं सम्बद्ध अस्पताल में किसी भी समय भर्ती किए गए (ऑन-बेड) रोगियों के साथ 4000 से अधिक कार्यात्मक बेड हैं, और पूर्व कोविड समय में ओ0पी0डी0 में प्रतिदिन लगभग 9000-10000 नए रोगियों को चिकित्सीय सुविधा प्रदान की गई। इसके साथ ही चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा सभी ओपीडी को पुनः संचालित कर दिया है ।


कुलपति ने बताया कि चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क के माध्यम से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय को “ए” रैंकिंग प्रदान की गयी है । कुलपति ने बताया कि वर्ष 2021 में हम कोविड-19 महामारी से की दूसरी लहर से फिर से लड़े।|के0जी0एम0यू0 द्वारा रोगी देखभाल, अनुसंधान और ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता भी बनाए रखी। के0जी0एम0यू0 में कोविड रोगियों के उपचार, पर्यवेक्षण और प्रबंधन के लिए और संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाते हुए एक कोरोना टास्क फोर्स की स्थापना की गई थी जिससे रोगी की देखभाल और प्रशासनिक संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर सकारात्मक कार्य किये जा सकें। सभी प्रबंधन रणनीतियों और एस0आर0पी0 को अंतर्राष्ट्रीय दिशा निर्देशों, आई0सी0एम0आर0 के निर्देशों और भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से प्राप्त निर्देशों के संयोजन के रूप में तैयार किया गया।
कुलपति ने बताया कि 4 लाख से अधिक रोगियों ने ई-प्लेटफॉर्म से उपचार प्राप्त किया। इसके साथ ही कोरोना कंट्रोल रूम की स्थापना कोविड-19 संबंधित सूचनाओं और गतिविधियों के बारे में आम जनता को 24 घंटे सलाह दी गयी। हमारे पास आर0टी0 पी0सी0आर0, और दो ट्रूनेट परीक्षण मशीनें हैं, जो वर्तमान में 24 x 7 काम कर रही हैं, जिसमें प्रतिदिन लगभग14000 परीक्षण किए गए ।उन्होंने बताया कि के0जी0एम0यू0 के माइक्रोबायोलाजी विभाग द्वारा कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक 13 लाख से अधिक परीक्षण किए हैं, जो देश में किसी भी केंद्र द्वारा प्राप्त नहीं किया गया। आई0सी0एम0आर0 ने के0जी0एम0यू0 को आर0टी0पी0सी0आर0 किट, वी0टी0एम0 और एक्सट्रैक्शन किट के लिए ‘उत्कृष्टता के लिए केंद्र‘ के रूप में नामित किया है |
कुलपति ने बताया कि वर्तमान में 6 द्रवित ऑक्सीजन प्लांट है जिनकी क्षमता 10000 ली / मि है । भविष्य में क्यु एम् एच में नया ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना है । कोरोना महामारी के दौरान ट्रॉमा और आपातकालीन सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहीं।
कुलपति ने बताया कि भारत में 50 भवनों और 4 संकायों (चिकित्सा, दंत चिकित्सा, पैरामेडिकल और नर्सिंग) में 55 से अधिक शिक्षण विभागों के साथ सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय हैं। हमारा वार्षिक सेवन 250 मेडिकल और 70 डेंटल अंडरग्रेजुएट, 100 नर्सिंग अंडरग्रेजुएट, 445 पैरामेडिकल छात्र, 300 से अधिक मेडिकल पोस्टग्रेजुएट और 40 से अधिक सुपर स्पेशियलिटी प्रशिक्षु हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय विभाग एम0फिल0 और पी0एच0डी0 कार्यक्रम भी चला रहा है। किसी समय में लगभग 400 से अधिक संकाय, 750 रेजीडेंट्स डॉक्टर और विश्वविद्यालय में 5000 कर्मचारी हैं। कोविड-19 से संबंधित लगभग 74 शोध गतिविधियाँ वर्तमान में किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में विभिन्न संकाय सदस्यों द्वारा निष्पादित की जा रही हैं, जिन्हें संस्थागत आचार समिति द्वारा अनुमोदित किया गया है। साथ ही कोविड से संबंधित जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे जूम, यूट्यूब, फेसबुक आदि के माध्यम से प्रसारित किया गया।


कुलपति ने बताया कि सभी मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं के साथ वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर शिक्षाविदों को भेजना महामारी की पृष्ठभूमि में सावधानीपूर्वक किया गया था। यह एक सीखने की कवायद थी और इसके लिए महान आई0टी0 कौशल और सार्थक संवादों, अंतःक्रियाओं और फैकल्टी के लिए नवाचारों को महामारी के चरम पर भी सभी छात्रों तक पहुँचाने की आवश्यकता थी।
उन्होंने बताया कि के0जी0एम0यू0 के आईटी सेल ने 5000 से अधिक कंप्यूटरों में लैन और वाईफाई के साथ लीप्स और सीमा द्वारा अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाया, एकीकृत सी0सी0टी0वी0 निगरानी सुविधा के साथ ई-अस्पताल रोगी प्रबंधन प्रणाली में सुधार किया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पहले ह्यूमन मिल्क बैंक का विकास जारी रहा जिससे नवजात शिशुओं को दूध प्राप्त हुआ |केजीएमयू में संकाय/कर्मचारी निवास,क्वीन मैरी अस्पताल में फुट ओवरब्रिज एवं फायर अलार्म और हाइड्रेंट का निमार्ण पूर्ण हुआ ।

42 मेडिकोज को दिए गए मेडल व अवॉर्ड

इस सुअवसर पर 42 मेडिकोज को कुल 64 मेडल प्रदान किए गए जिसमे 60 गोल्ड मैडल 01 सिल्वर मैडल 02 बुक प्राइज 01 कैश प्राइज रहे । मेडल पाने वालो में 18 छात्र एवं 24 छात्रायें की रही । केजीएमयू के सबसे प्रतिष्ठित हिवेट, चांसलर एवं यूनिवर्सिटी गोल्ड मैडल एम बी बी एस छात्र अहमद उजेर को मिला । इसके अलावा उजैर को 13 गोल्ड मैडल ,एक बुक प्राइज व एक सिल्वर मैडल भी मिला । वही शिवम् सिंह को चार गोल्ड व एक सिल्वर मैडल मिला। समारोह में डब्ल्यू एच ओ की चीफ साइंटिस्ट डा0सौम्या स्वामीनाथन को डी एस सी की उपाधि प्रदान की गयी ।
इस अवसर पर कुलपति द्वारा कुलाधिपति को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया जिसके बाद कुलपति के निवेदन पर कुलाधिपति ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ ही समारोह का समापन हुआ। कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रो0 अमिता पाण्डेय, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष तथा डा0 सौमेंद्र विक्रम सिंह द्वारा किया गया ।

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