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दिल के रास्‍ते की धमनी में 99 प्रतिशत जमे कैल्शियम को लिथोट्रिप्‍सी से तोड़ा

-अजंता हॉस्पिटल में आईवीएल टेक्निक से हुई 70 वर्षीय बुजुर्ग की ऐंजियोप्‍लास्‍टी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनी में पत्‍थर जैसे जमे हुए कैल्शियम ने रोक लिया था, धमनी के 99 प्रतिशत तक अवरुद्ध होने के चलते मरीज के दिल में लगातार तेज दर्द बना हुआ था। यहां आलमबाग स्थित अजंता हॉस्पिटल में वरिष्‍ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अभिषेक शुक्‍ल ने मरीज को ठीक करने की चुनौती स्‍वीकार करते हुए इंट्रावस्‍कुलर लिथोट्रिप्‍सी टेक्निक से 99 प्रतिशत तक अवरुद्ध धमनी को खोल कर रक्‍त संचार का रास्‍ता साफ कर मरीज को नया जीवन दिया। अब मरीज आराम से चल-फि‍र रहा है। आपको बता दें कि लिथोट्रिप्‍सी तकनी‍क का उपयोग गुर्दे की पथरी को तोड़ने के लिए किया जाता है, लेकिन डॉ अभिषेक ने इस तकनीक को दिल की धमनी में जमे कैल्शियम के पत्‍थर को तोड़ने के लिए करते हुए मरीज को नया जीवन दिया।

बीती 27 जनवरी को हुई इस ऐंजियोप्‍लास्‍टी के बारे में बताते हुए डॉ अभिषेक ने कहा कि इस तकनीक को इंट्रा वस्‍कुलर लिथोट्रिप्‍सी (आईवीएल) तकनीक कहा जाता है। उन्होंने बताया 70 वर्षीय बुजुर्ग को अचानक सीने में तेज दर्द की शिकायत होने पर अजंता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉ शुक्ला ने बताया की कोरोनरी एंजियोग्राफी से पता चला कि खून की आपूर्ति करने वाली धमनी एल ए डी (Left anterior descending) में 99% तक कैल्शियम जमा है, जमकर यह कैल्शियम पत्‍थर जैसा कठोर हो गया था, नतीजा खून का प्रवाह आगे की ओर नहीं हो पा रहा था। उन्‍होंने बताया‍ कि इसके बाद मरीज को आईवीएल तकनीक से एनजीओ प्लास्‍टी करवाने की सलाह दी गई।

कैसे काम करती है आईवीएल तकनीक

डॉ शुक्ला ने बताया की सामान्य तौर पर एनजीओ प्लास्टी में बंद कोरोनरी धमनी को खोलने के लिए इससे एक गुब्बारे और स्टेंट की मदद से चलाया जाता है, लेकिन लिथोट्रिप्सी तकलीफ में कोरोनरी धमनी में एक विशेष प्रकार के गुब्बारे को डाला जाता है इसकी खासियत यह होती है कि इसमें से तरंगे निकलती हैं और इन तरंगों से उत्‍पन्‍न स्पंदन ऊर्जा की मदद से जमे हुए कैल्शियम को तोड़ा जाता है, इसके बाद स्‍टेंट अच्‍छे से चल जाता है, और धमनी खुल जाती है।

डॉ शुक्ला ने बताया इस विधि से एंजियोप्‍लास्‍टी करने में जोखिम कम रहता है। उन्होंने बताया कि लखनऊ में इस तकनीक से पहले इलाज किया जा चुका है लेकिन यह पहला ऐसा मामला है जिसमें कोरोनरी महाधमनी में ही कैल्शियम का इतना ज्यादा जमाव हो गया था जिससे मरीज के दिल में लगातार दर्द हो रहा था। डॉ अभिषेक इस तकनीक से कई ऐंजियोप्‍लास्‍टी कर चुके हैं।