-केजीएमयू में आयोजित बैठक में लगाया गया उपेक्षा का आरोप
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संयुक्त स्वास्थ्य आउट सोर्स संघ केजीएमयू शाखा ने आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी के दौरान कर्मचारियों की उपेक्षा हो रही है, प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान कर्मचारी जहां एक तरफ अपने आप को खतरे में डालकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं वही सरकार शासन एवं संस्थान के अधिकारियों द्वारा इन कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा है कि यह उपेक्षा यदि जारी रही तो आउटसोर्सिंग कर्मचारी आंदोलन को बाध्य होंगे।
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय (केजीएमयू) में शनिवार को आयोजित संयुक्त स्वास्थ्य आउट सोर्स संघ की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में कहा गया कि अपनी जान को खतरे में डालकर इस कोरोना काल में कार्य कर रहे आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों के वेतन में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गयी है। कर्मचारियों को अतिरिक्त भत्ता, वेतन बढ़ोतरी का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
रितेश मल्ल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ विभागों में पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा किट भी मुहैया नहीं करवायी जा रही है। उन्होंने कहा है कि कम वेतन से नाराज कर्मचारी इस समय आक्रोशित है। संविदा कर्मचारी संघ की ओर से कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण करवाने के लिए सभी विभागों में प्रभारी मनोनीत किया गया। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष अजय सिंह, प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा, प्रदेश प्रदेश मीडिया प्रभारी सतीश चंद्र चौहान भी उपस्थित रहे। प्रभारी बनाए जाने वालों में वंदना सिंह, सचिन, मनीष कुमार मिश्रा, नीरज शर्मा ,शिव बारी, कुलदीप शर्मा, रंजीत, संदीप, अशफ़ाक़ खान, बसारत खान, कुमार विजय को मनोनयन पत्र दिया गया। सभी पदाधिकारियों ने कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी के मामले को लेकर जल्द ही शासन प्रशासन के समक्ष आवाज उठाने की बात की है।