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KGMU का विश्वस्तर बरकरार, USA में शोध के लिए भारत से अकेली डॉ. फीबा को चुना गया

न्यूरोलाजिकल बीमारियों से होने वाली बोलने की परेशानी को आसान व जल्द ठीक करने के विषय पर Prosthodontics विभाग में शोध कार्य करेंगी

लखनऊ. किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के Prosthodontics विभाग की एमडीएस की छात्रा डा. फीबादाहुन सोहमत को यूएसए की संस्था आईसीपी द्वारा शोध कार्य के लिए चुना है. संस्था द्वारा पूरे विश्व से कुल छह शोधार्थी छात्रों को चयनित किया गया है जिसमें भारत से डॉ. फीबादाहुन है। इस तरह से केजीएमयू ने अपना विश्वस्तरीय दर्जा बरकरार रखा है.

 

डॉ. फीबा द्वारा अपने शोध कार्यों को डॉ. पूरन चन्द, विभागाध्यक्ष Prosthodontics विभाग, डॉ. आर.के. गर्ग,  अधिष्ठाता शोध संकाय एवं डॉ. बालेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशन में किया जायेगा जिसमें जापान की ओकायामा युनिवर्सिटी, के वैज्ञानिक भी अपना सहयोग देंगे.

 

कुलपति प्रो. मदनलाल ब्रह्म भट्ट द्वारा चयनित छात्रा डॉ. फीबादाहुन सोहमत और उनके दल को बधाई दी गई तथा साथ में अन्य विभागों के विद्यार्थियों को भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के शोध कार्यो में प्रतिभाग लेने के लिए प्रेरित किया गया। कुलपति ने यह भी कहा कि Prosthodontics विभाग विश्वविद्यालय में शोध कार्यों में अग्रणी रहा है। कुलपति से मुलाकात के दौरान प्रो. पूरन चन्द, विभागाध्यक्ष Prosthodontics विभाग ने कहा कि कुलपति के कुशल मार्गदर्शन एवं सकारात्मक सहयोग तथा रिसर्च सेल प्रभारी प्रो. आरके गर्ग के निरन्तर उत्साहवर्धन से विभाग में शोध कार्य करने का एक सकारत्मक माहौल बना है, जिसका प्रभाव दिखने लगा है।

 

डॉ. फीबा विभिन्न प्रकार की न्यूरोलाजिकल बीमारियों से होने वाली बोलने की परेशानी को आसान तथा जल्द ठीक करने के विषय पर Prosthodontics विभाग में शोध कार्य करेंगी।  इस तरह का शोध कार्य विश्व में पहली बार होगा। उपरोक्त शोध कार्य में प्रो. हरदीप सिंह मल्होत्रा, न्यूरोलाजी विभाग, प्रो. विरेन्द्र वर्मा, ई.एन.टी. विभाग, डा. सुनित एवं नलिनी भी शामिल हैं.

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