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छूटना मुश्किल लेकिन कम तो हो ही सकती है नशे की लत

 

तम्बाकू की भयावहता दिखाकर नशे को रोकने का सुरेश खन्ना का आह्वान   

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य एवं नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बढ़ती गम्भीर बीमारियों के प्रति गहरी चिन्ता जताते हुए इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाये जाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू के उत्पादों के सेवन से प्रभावित लोगों के अनुभव तथा कैंसर एवं अन्य बीमारी का विकृत रूप एवं भयावहता दिखाते हुए लोगों में जागरूकता पैदा करने से बीमारियों में कमी लायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू उत्पादों के सेवन के व्यसन को पूरी तरह निर्मूल करना संभव नहीं है, लेकिन इसकी बढ़ती लत में कमी लायी जा सकती है।

श्री खन्ना आज यहां होटल क्लार्क्स अवध में विनोबा भावे सेवा आश्रम द्वारा आयोजित परिचर्चा ‘‘तम्बाकू मुक्त लखनऊ’’ विषय पर अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि तम्बाकू उत्पादों के सेवन से गम्भीर बीमारियां पैदा हो रही हैं। इसके उपचार में लोगों की गाढ़ी कमाई व्यय हो रही है। इसके साथ ही इसका असर उत्पादन पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। तम्बाकू उत्पादों के सेवन के खिलाफ सघन अभियान एवं लगातार अभियान चलाने की आवश्यकता है।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि तम्बाकू मुक्त सिर्फ लखनऊ ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश होना चाहिए। विनोबा आश्रम की पहल सराहनीय है। उन्होंने लोगों को इस बीमारी से आगाह करते हुए रोज की दिनचर्या में तम्बाकू सेवन की आदत को बदलना चाहिए। उन्होंने तम्बाकू उत्पादों के सेवन के खिलाफ माहौल बनाये जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि  आश्रम के पदाधिकारियों को स्कूल कालेजों के परिसर को तम्बाकू मुक्त बनाने पर जोर देना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी दूसरों को भी जागरूक कर सके।
किशोरों पर ज्यादा फोकस करें तो भविष्य सुधरने की आशा : डॉ. सुनील पाण्डेय  

इस मौके पर उपस्थित मानसिक चिकित्सा प्रकोष्ठ के स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. सुनील पाण्डेय ने कहा कि तम्बाकू विरोधी अभियान में किशोरों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यही वह उम्र होती है जब नशे की आदत पड़ती है ऐसे में अगर इस पीढ़ी को नशे से दूर कर दिया गया तो आगे की पीढ़ी नशे से मुक्त रह सकती है. उन्होंने कहा इसके लिए स्कूलों में जाकर बच्चों को जागरूक किया जा सकता है. डॉ. पाण्डेय ने कहा कि अगर बच्चों में नशे के दुष्परिणाम बताये गए तो संभव है कि वे अपने घर में बड़े जो नशा करते हैं, उन्हें नशे से रोकने में अच्छी भूमिका निभा सकते हैं. क्योंकि यह देखा गया है कि जब कोई चाहने वाला किसी से कोई बात कहता है तो उस बात को अधिक समझता है.

विनोबा आश्रम के वरिष्ठ पदाधिकारी रमेश भइया ने तम्बाकू सेवन के खिलाफ बनाई गयी नीतियों को कड़ाई से लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था ने लखनऊ महानगर के एक सदस्य वार्डों तथा कई शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए चिकित्सकों के टीम के साथ संस्था के सदस्य लगातार कार्य कर रहे हैं। तम्बाकू मुक्त लखनऊ अभियान के संयोजक श्री संजय राय ने तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभावों तथा इसके बचाव के उपायों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर बड़ी संख्या में चिकित्सक, मीडिया के लोग तथा आश्रम की सचिव विमला बहन आदि मौजूद थीं।

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