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सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बहाली पर गृहमंत्री सहम‍त, वित्‍त मंत्री से करेंगे बात

इंडियन पब्लिक सर्विस इम्‍प्‍लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधिमंडल को दिया आश्‍वासन  

 

लखनऊ। देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली पेंशन प्रथा पर सहमति जताते हुए आश्‍वासन दिया है कि इस मुद्दे पर वित्‍त मंत्री के साथ बातचीत की जायेगी।

 

यह जानकारी देते हुए इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (इप्सेफ) के राष्‍ट्रीय सचिव अतुल मिश्र ने बताया कि फेडरेशन का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल वीपी मिश्र राष्‍ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में भारत सरकार के गृहमंत्री राजनाथ सिंह, से आवास पर तथा कैबिनेट सचिव भारत सरकार पीके सिन्हा से राष्‍ट्रपति भवन में भेंट की। प्रतिनिधिमण्डल में महामंत्री प्रेमचंद्र, राष्‍ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा, सुरेश कुमार रावत, डा पीके सिंह एवं राजकुमार सिंह शामिल थे।

 

वीपी मिश्र ने गृहमंत्री को ज्ञापन देकर मांग की कि एनपीएस से देश भर के कर्मचारी आक्रोशित है, इसलिए पुरानी एवं नई पेंशन प्रणाली में फर्क को तत्काल समापत करके कर्मचारियों की नाराजगी दूर की जाय। एनपीएस से न सरकार को और न कर्मचारियों को कोई फायदा है। विगत सरकार ने अंग्रेजों के समय से चली आ रही पेंशन व्यवस्था को समाप्त नहीं करना चाहिए था। सरकार सभी को पेंशन देगी आपने अधिकारियों/कर्मचारियों को पेंशन नहीं देंगे यह न्‍याय संगत नहीं है। वर्तमान परिवेश में सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को पेंशन अगर न मिले तो उन्हे भुखमरी का सामना करना पड़ेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस पर सरकार से पूछा है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसदों, विधायकों सहित तमाम वर्गों को पेंशन देना और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन समाप्त कर एनपीएस लागू करना क्या न्यायोचित है। श्री मिश्र ने कहा कि इसपर कर्मचारियों के पक्ष में तत्काल निर्णय घोषित कराएं। गृहमंत्री ने कहा कि वह सहमत हैं और इस पर वित्तमंत्री से बात करेंगे तथा मंत्रि‍परिषद की बैठक में भी चर्चा कराके कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय कराने का भरपूर प्रयास करेंगे।

श्री मिश्र ने कैविनेट सचिव पीके सिन्हा से भेंट कर मांग की कि आउटसोर्सिंग/संविदा/ठेका पर कार्यरत लाखों युवा कर्मचारियों को सेवा सूरक्षा, न्यूनतम वेतन, भत्ते रिक्त पदों पर विनियमितिकरण, वरिष्‍ठता सूची बनाने आदि के सम्बन्ध में स्थायी नीति नियमावली बनायी जाय जिसमें देशभर के लाखों युवा कर्मचारियों के भविष्‍य सुरक्षित हो सके, उन्हें न्यूनतम वेतन, भत्ते, वार्षिक वेतन वृद्धि मृतक आश्रित को सुविधाएं तथा सेवा सुरक्षा मिल सके क्योंकि वे लड़के इस देश के भावी कर्णधार बनेंगे। उनके अन्दर हीनता की भावना नहीं आने देनी होगी वे स्वयं चिन्तन करें कि 5-6 हजार रूपये में आउटसोर्सिंग कर्मचारी अपने परिवार का भरण पोषण कर पायेगा?  इस पर प्रधानमंत्री से एक माह में निर्णय कराया जाए। श्री मिश्र ने कैबिनेट सचिव को मॉडल ड्राफ्ट भी दिया जो कि उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार इस विन्दु पर बहुत जल्दी सार्थक निर्णय लेने जा रही है।

 

श्री मिश्र ने रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति तथा सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अधिकतर भारतीय सेवा एवं अन्य पुराने अधिकारी/कर्मचारी सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। भर्तियां न होने से अनुभवी कर्मचारियों की कमी हो गयी है। श्री मिश्र ने प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र से फोन पर आग्रह किया कि मांगों पर प्रधानमंत्री के साथ बैठक कराकर निर्णय कराएं वरना लोक सभा चुनाव में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। देशभर के अधिकारी/कर्मचारी उनके परिवार के अंग हैं। परिवार में झगड़ा से परिवार नष्‍ट हो जाता है। गृहमंत्री,  प्रधान सचिव प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र तथा कैबिनेट सचिव भारत सरकार ने इप्सेफ को विश्‍वास दिलाया कि उनका हमेशा प्रयास रहा है कि शासन एवं कर्मचारियों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि पेंशन के बारे में जो निर्णय हुआ है उसमें व्याप्त कमियों को लिखित रूप से बताएं उसे सुधार दिया जायेगा।