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सिजेरियन प्रसव सुविधा को मजबूत बनाने के लिए ऑनकॉल आयेंगे गायनोकॉलॉजिस्ट व एनेस्थेटिस्ट

-विजिट के हिसाब से होगा भुगतान, 75 जिलों के लिए 1.41 करोड़ रुपये बजट आवंटित

ब्रजेश पाठक

सेहत टाइम्स

लखनऊ। जिला महिला और संयुक्त चिकित्सालयों में सिजेरियन प्रसव सुविधा को मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा पहल की गयी है, इसके तहत जिन चिकित्सालयों में केवल एक ही गायनोकॉलॉजिस्ट एवं एक ही एनेस्थेटिस्ट तैनात हैं, वहां रात्रिकालीन आकस्मिक सिजेरियन प्रसव के लिए ऑनकॉल सुविधा उपलब्ध रहेगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि उच्च स्तरीय स्वास्थ सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक और महत्वपूर्ण कदम है। इससे मरीजों को और बेहतर उपचार मिलेगा। इसके लिए सरकार द्वारा प्रदेश के 75 जिलों के लिए 1.41 करोड़ रुपये बजट आवंटित​ किया जा रहा है।

ब्रजेश पाठक ने बताया कि ऑनकॉल विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य इकाई छोड़ने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाभार्थी के वाइटल स्टेबल हों और उन्हें उस समय संबंधित स्वास्थ्य इकाई पर उपस्थित चिकित्सक को फॉलोअप के लिए लाभार्थी की स्थिति से अवगत भी कराना होगा। डिप्टी सीएम ने बताया कि ऑनकॉल विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा इकाई छोड़ने के उपरांत प्रसूता के पोस्ट ऑपरेटिव केयर का दायित्व स्वास्थ्य इकाई पर तैनात चिकित्सा अधीक्षक का होगा। आवश्यकता पड़ने पर ऑनकॉल विशेषज्ञ चिकित्सक को फिर से (फॉलोअप विजट) बुलाया जा सकता है।

मिलेगा मानदेय

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रातः आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक ऑनकॉल विशेषत्रज्ञ चिकित्सक एवं एनेस्थेटिस्ट को दो-दो हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। रात्रि आठ बजे से सुबह आठ बजे तक विजिट करने पर यह राशि चार हजार रुपये होगी। साथ ही एक हजार रुपए यात्रा भत्ता और प्रत्येक फॉलोअप विजिट के लिए 1500 रुपये देय होंगे। फॉलोअप विजिट का भत्ता एनेस्थेटिस्ट पर अनुमन्य नहीं होगा। ऑनकॉल विशेषज्ञ चिकित्सकों को सिजेरियन प्रसव के लिए धनराशि का भुगतान सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा मंत्रा एप्लीकेशन पर उपलब्ध डाटा के सत्यापन के पश्चात किया जाएगा।

75 जिलों के लिए 1.41 करोड़ रुपये

इस योजना के लिए सरकार द्वारा 1.41 करोड़ रुपये प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से आवंटित किए जा रहे हैं। डिप्टी सीएम ने बताया कि आगरा के लिए 3.21 लाख रुपये, अलीगढ़ के लिए 2.63 लाख, अंबेडकर नगर के लिए 1.67 लाख, अमेठी के लिए 1.29 लाख, अमरोहा के लिए 1.30 लाख, औरैया के लिए 97 हजार, अयोध्या के लिए 1.73 लाख, आजमगढ़ के लिए 3.20 लाख, बागपत के लिए 92 हजार, बहराइच के लिए 2.42 लाख, बलिया के लिए 2.25 लाख, बलरामपुर 1.49 लाख, बांदा के लिए 1.26 लाख, बाराबंकी के लिए 2.27 लाख रुपये, बरेली के लिए 3.19 लाख, बस्ती के लिए 1.70 लाख, भदोही के लिए 1.10 लाख, बिजनौर के लिए 2.58 लाख, बदायूं के लिए 2.20 लाख, बुलंदशहर के लिए 2.48 लाख, चंदौली के लिए 1.36 लाख, चित्रकूट के लिए 69 हजार, देवरिया 2.16 लाख, एटा के लिए 1.24 लाख, इटावा के लिए 1.12 लाख, फर्रुखाबाद के लिए 1.33 लाख, फतेहपुर के लिए 1.83 लाख, फिरोजाबाद के लिए 1.79 लाख, गौतमबुद्ध नगर के लिए 1.22 लाख, गाजियाबाद के लिए 2.54 लाख, गाजीपुर के लिए 2.51 लाख, गोंडा के लिए 2.38 लाख, गोरखपुर के लिए 3.12 लाख, हमीरपुर के लिए 77 हजार, हापुड़ के लिए 95 हजार, हरदोई के लिए 2.86 लाख, हाथरस के लिए 1.10 लाख, जालौन के लिए 1.19 लाख, जौनपुर के लिए 3.10 लाख, झांसी के लिए 1.45 लाख, कन्नौज के लिए 1.16 लाख, कानपुर देहात के लिए 1.25 लाख, कानपुर नगर के लिए 3.41 लाख, कासगंज के लिए 1.01 लाख, कौशांभी के लिए 1.12 लाख, कुशीनगर के लिए 2.46 लाख, लखीमपुर खीरी के लिए 2.80 लाख, ललितपुर के लिए 85 हजार, लखनऊ के लिए 3.42 लाख, महाराजगंज के लिए 1.85 लाख, महोबा के लिए 62 हजार, मैनपुरी के लिए 1.31 लाख, मथुरा के लिए 1.81 लाख, मऊ के लिए 1.56 लाख, मेरठ के लिए 2.52 लाख, मिर्जापुर के लिए 1.74 लाख, मुरादाबाद के लिए 2.23 लाख, मुजफ्फर नगर के लिए 1.98 लाख, पीलीभीत के लिए 1.42 लाख, प्रतापगढ़ के लिए 2.22 लाख, प्रयागराज के लिए 4.22 लाख, रायबरेली के लिए 2.02 लाख, रामपुर के लिए 1.65 लाख, सहारनपुर के लिए 2.47 लाख, संभल के लिए 1.57 लाख, संतकबीर नगर के लिए 1.19 लाख, शाहजहांपुर के लिए 2.12 लाख, शामली के लिए 97 हजार, श्रावस्ती के लिए 77 हजार, सिद्धार्थ नगर के लिए 1.77 लाख, सीतापुर के लिए 3.12 लाख, सोनभद्र के लिए 1.31 लाख, सुल्तानपुर के लिए 1.68 लाख, उन्नाव के लिए 2.18 लाख, वाराणसी 2.67 लाख रुपये आवंटित किए जा रहे हैं।

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