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प्रीमेच्‍योर नवजात की खास देखभाल के लिए पैम्‍पर्स दे रहा मुफ्त डायपर्स

केजीएमयू के एनआईसीयू को दिये 12000 डायपर्स

लख्‍नऊ 15 नवंबर। वर्ल्ड प्रीमेच्योर बेबी डे (17 नवंबर) के अवसर पर मशहूर डायपर ब्रांड पैम्पर्स ने भारत में प्रीमेच्योर शिशुओं के बेहतर सेहत के लिए अपना योगदान देने का फ़ैसला किया है। इसके तहत पैम्पर्स ने प्रीमेच्योर शिशुओं की नाज़ुक त्वचा के मद्देनज़र ख़ासतौर से डिज़ाइन किये गये दुनिया के सबसे छोटे डायपर्स को लॉन्च किया। पैम्पर्स ने देशभर के बड़े सरकारी अस्पतालों को ऐसे कमज़ोर बच्चों की बेहतर देखभाल और उनकी सहायता के लिए एक लाख डायपर्स निशुल्क प्रदान किये हैं जिसके अंतर्गत पैम्पर्स ने 12,000 डायपर्स किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एनआईसीयू वार्ड को सौंपे। यह जानकारी आज ट्रॅामा सेंटर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में दी गई।

 

केजीएमयू में पीडियाट्रिक और एनआईसीयू वार्ड की हेड डॉक्टर माला कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि क्‍वीनमैरी अस्‍पताल में हर महीने जन्म लेने वाले 700-800 शिशुओं में से 25 फीसदी शिशु प्रीमेच्योर होते हैं। जिन्हें संक्रमण का अधिक ख़तरा रहता है। समय से पूर्व जन्म लेने वाले शिशुओं की पसलियां पतली होती हैं। ऐसे में बड़े डायपर्स प्रीमेच्योर बच्चों के नन्हें पैरों को सही दिशा में घूमने नहीं देते और और हिप को सही तरीके से आराम नहीं पहुंचा पाते हैं। भले ही इन शिशुओं का‌ जन्म समय से पहले हो जाता हो मगर ये काफ़ी ऐक्टिव होते हैं, हमें इस बात की ख़ुशी है कि पैम्पर्स जैसी कंपनी ने इन ज़रूरतों को समझते हुए ऐसे ख़ास डायपर्स को डिज़ाइन किया है। इस प्रेसवार्ता में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर एसएन संखवार, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ शालिनी त्रिपाठी एवं रेस्पेरेट्री विभाग के डॉ संतोष कुमार मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि भारत में प्रीमेच्योर बच्चों की अच्छी देखभाल के लिए पैम्पर्स में देश के चार शहरों के कई बड़े सरकारी अस्पतालों के साथ एक ख़ास पार्टनरशिप की है और प्रीमेच्योर शिशुओं के लिए ख़ासतौर पर बनाये गये डायपर्स को दान स्वरूप दिया है। बता दें कि इन अस्पतालों में देश के सबसे बड़े एनआईसीयू यूनिट मौजूद हैं, जिनमें मुम्बई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल केईएम, ए सायन अस्पताल और नायर अस्पताल शामिल हैं। इसके अलावा दिल्ली का सफ़दरजंग अस्पताल लखनऊ का किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ;केजीएमयू का भी नाम शामिल है।

 

ग़ौरतलब है कि भारत दुनिया का एक ऐसा देश है जहां पर सबसे ज़्यादा प्रीमेच्योर बच्चे जन्म लेते हैं। ख़ासतौर पर बनाये गये डायपर्स के अभाव में आज भी देशभर के ज़्यादातर अस्पतालों में आम बच्चों के लिए उपलब्ध डायपर्स को काटकर छोटा किया जाता है और फिर उन्हें समय से पहले जन्म लेनेवाले शिशुओं को पहनाया जाता है।

 

 

पैम्पर्स के एक प्रवक्ता ने इस संबंध में कहा पैम्पर्स हर शिशु की सही देखभाल और उसके योग्य विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने बताया कि एनआईसीयू की नर्सों के साथ मिलकर किये गये विशेष प्रयास के तहत पैम्पर्स ने इस नन्हें योद्धाओं के लिए विशेष डायपर्स का निर्माण किया है। ये डायपर्स अब तक के सबसे छोटे डायपर्स हैं, जो 800 ग्राम वज़नी शिशुओं के लिए भी काफ़ी आरामदायक हैं।