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केजीएमयू में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का शोषण, प्रावधान के खिलाफ काटा जा रहा वेतन

-राज्य कर्मचारी संयुक्त कर्मचारी परिषद ने आरोप लगाया, श्रम विभाग के निर्देशों का हो रहा उल्लंघन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त कर्मचारी परिषद ने आरोप लगाया है कि के जी एम यू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा का कहना है कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में श्रम विभाग द्वारा लिये गये निर्णय/निर्देश के क्रम में संविदा पर कार्यरत कर्मियों को 26 दिवसों में कार्य करने पर पूरे माह का मानदेय प्रदान करने का प्राविधान है साथ ही उसे साप्ताहिक अवकाश अनुमन्य होंगे, जिसके क्रम में चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति व वित्त अधिकारी की सहमति से कुलसचिव द्वारा पूर्व में आदेश भी निर्गत किए गए थे।

अतुल मिश्रा ने कहा कि परंतु अत्यंत खेद का विषय है कि समस्त शासनादेशों व आदेशों को संज्ञान मे लिए बिना डॉ सुरेन्द्र कुमार, फैकल्टी इंचार्ज, एचआर, केजीएमयू, लखनऊ के द्वारा पत्र जारी कर केजीएमयू, में विभिन्न सेवा प्रदाता एजेंसियों को बायोमेट्रिक उपस्थिति से ही भुगतान करने के लिए निर्देशित किया गया है एवं साथ ही उनके द्वारा मौखिक रूप से कहा गया है कि साप्ताहिक व राजपत्रित अवकाशों का भी वेतन भुगतान नही किया जायेगा, जिसके कारण आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों में अत्यधिक आक्रोश व्याप्त है।

अतुल मिश्रा का कहना है कि वहीं सितंबर माह की बायोमेट्रिक उपस्थिति न होने की वजह से पैरामेडिकल सहित कई विभागों में अभी तक वेतन का भुगतान नहीं किया जा गया है। जबकि कर्मचारियों का बायोमेट्रिक उपस्थिति का रजिस्ट्रेशन ही सितंबर माह के अंत में हुआ था। इस तुगलकी आदेश से सैकड़ों कर्मचारी व उनके परिवार भुखमरी के कगार पर हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा स्पष्ट निर्देश जारी किए गये हैं कि संविदा/आउटसोर्सिंग कर्मियों का वेतन भुगतान माह के 7 तारीख़ तक अवश्य कर दिया जाये। दुःखद है कि वेतन भुगतान भी नहीं हो रहा साथ ही काटने के भी आदेश जारी हो रहे हैं ।

परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि इन अल्पवेतन भोगी कर्मियों के साथ न्याय करें व के जी एम यू प्रशासन को निर्देशित करें कि सरकार की नीतियों के विपरीत कार्य न करे ।

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