Wednesday , October 11 2023

नैतिक शिक्षा के बिना शिक्षा अधूरी

वांग्‍मय साहित्‍य स्‍थापना अभियान के तहत 301वें सेट की स्‍थापना हुई सरस्‍वती विद्या मंदिर में

लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अंतर्गत सरस्वती विद्या मन्दिर केशव नगर लखपेड़ाबाग बाराबंकी उप्र के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 77 खण्डों का वांग्‍मय साहित्य के 301वें सेट की स्‍थापना की गयी।

 

यह वांग्‍मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर के सक्रिय कार्यकर्ता डॉ एनके गुप्ता एवं संगीता गुप्ता ने अपनी माता शिवदुलारी गुप्ता की स्मृति में संस्थान के प्रधानाचार्य राम कृपाल पाण्डेय को भेंट की।

 

यह जानकारी देते हुए वांग्‍मय स्थापना अभियान के मुख्‍य संयोजन उमानंद शर्मा ने बताया कि डॉ गुप्ता दम्पति‍ ने सभी 404 छात्र-छात्राओं को एक-एक ‘‘सफल जीवन की दिशा धारा’’ नामक पाकेट बुक तथा सभी अतिथियों एवं शिक्षक/शिक्षिकाओं को भी एक-एक पाकेट-बुक एवं अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की। इस अवसर पर डॉ गुप्ता के भाई सुरेश चन्द्र गुप्ता, गिरीश चन्द्र गुप्ता, बद्री प्रसाद गुप्ता, सुरेन्द्र गुप्ता मौजूद थे।

 

इस अवसर पर उमानंद शर्मा व़ांग्‍मय साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश में मानवीय मूल्य, व्यावसायिक नैतिकता की शिक्षा की नितांत आवश्यकता है। नैतिक शिक्षा के बिना शिक्षा अधूरी है, ऋषि वांग्‍मय साहित्य  नैतिक शिक्षा प्रदान करता है। समाज में नैतिकता के विकास के लिए प्रत्येक जागरूक नागरिक को आगे आना चाहिये, यही युगधर्म है। पूर्वजों की स्मृति में ज्ञान यज्ञ ही सच्ची श्रद्धांजलि‍ है।

इस अवसर पर डॉ. एनके गुप्ता ने भी अपने विचार रखे, संस्थान के प्रधानाचार्य  रामकृपाल पाण्डेय ने संस्थान को ऋषि वांग्‍मय भेंट करने आये हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में रोटरी क्लब बाराबंकी के वरिष्ठ सदस्य डॉ सुधीर वर्मा, डॉ आभा वर्मा, सरदार अमर सिंह, जागेश अग्रवाल, संजय निगम के अतिरिक्त आईएमए के डॉ आरएस गुप्ता मौजूद थे।

 

इस अवसर पर वांग्‍मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा, डॉ नरेन्द्र देव, डॉ अनिल भटनागर, डॉ एनके गुप्ता, संगीता गुप्ता संस्थान के प्रधानाचार्य राम कृपाल पाण्डेय के अतिरिक्त संस्थान के सभी शिक्षक/शिक्षिकायें एवं छात्रायें मौजूद थे।