-विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में होम्योपैथिक चिकित्सकों ने रखे विचार
-झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ कर मिलें विशेषज्ञ से : डॉ अनुरुद्ध वर्मा

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। यदि समय रहते मानसिक रोगों को संभाला न गया तो स्थिति बहुत गंभीर हो जाएगी इसके लिए जनमानस में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उत्पन करना एवं चिकित्सा की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है क्योंकि अभी मानसिक स्वास्थ्य उपेक्षा का शिकार है। होम्योपैथिक में मानसिक रोगों का समाधान है, नुकसान रहित चिकित्सा पद्धति से लोगों को इलाज लेना चाहिये। यह बात शनिवार को केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ अनुरुद्ध वर्मा ने होम्योपैथिक साइंस काँग्रेस सोसाइटी द्वारा लाइफ लाइन होम्यो क्लीनिक में आयोजित परिचर्चा में कही।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर अग्रवाल प्लाजा, इंदिरा नगर स्थित लाइफ लाइन क्लीनिक में डॉ.वर्मा ने कहा कि लाखों लोग मानसिक बीमारी के कारण आत्महत्या तक कर रहे हैं। कोविड 19 ने लोगों की मानसिक समस्याएं बढ़ा दी हैं। रोगी के व्यवहार परिवर्तन होने पर लोग झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं जबकि उन्हें मानसिक बीमारियों का इलाज विशेषज्ञ से कराना चाहिए।
होम्योपैथिक अनुसंधान संस्थान के पूर्व सहायक निदेशक डॉ जे पी सिह ने कहा कि मानसिक बीमारियों के उपचार में होम्योपैथिक दवाइयाँ कारगर हैं। डॉ.ए एम सिह ने कहा कि चिंता ही तनाव देती है और लंबे समय का तनाव डिप्रेशन में बदल सकता है इसलिये तनाव से दूर रहना चाहिए । डॉ अवधेश द्विवेदी, डॉ पंकज श्रीवास्तव एवँ डॉ अरुण प्रकाश ने कहा कि मानसिक बीमारी का असर काम करने की क्षमता पर पड़ता है। डॉ निशान्त श्रीवास्तव ने कहा कि मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर इनको रोका जा सकता है। परिचर्चा को डॉ यू बी त्रिपाठी, डॉ सुनील वर्मा,, डॉ सन्तोष सिह आदि ने संबोधित किया।
 
 

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