-ऑक्यूपेशनल, स्पीच, काउंसलिंग, फिजियोथैरेपी, मनोवैज्ञानिक समस्याओं को लेकर 7 दिसंबर को फेदर्स आयोजित कर रहा शिविर

सेहत टाइम्स
लखनऊ। बच्चों में बहुत सी ऐसी आदतें होती हैं, जिन्हें अभिभावक शुरुआत में सामान्य आदत मानकर ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन यही आदतें ज्यादा समय बीतने पर बीमारी का रूप ले लेती हैं, इन आदतों में देर से बोलना, अपने में ही खोये रहना, एक जगह टिक कर नहीं बैठना, आंखों से आंखें मिलाकर बात न करना, किसी की बात को ध्यान से न सुनना, तुतलाना आदि शामिल हैं। दरअसल ऐसा किसी न किसी बीमारी की वजह से भी हो सकता है और इसका जितनी जल्दी समाधान कर लिया जाए उतना ही आगे के लिए बेहतर रहता है।

यह जानकारी देते हुए मानसिक स्वास्थ्य केंद्र फेदर्स की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट सावनी गुप्ता ने बताया कि आगामी 7 दिसंबर रविवार को उनके केंद्र पर ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, मनोवैज्ञानिक, काउंसलिंग, फिजियोथैरेपी से जुड़ी हुई समस्याओं की पहचान के लिए निःशुल्क स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बच्चों के अतिरिक्त इस कैंप में युवाओं और बुजुर्गों का भी उनकी शारीरिक और मन से जुड़ी समस्याओं के लिए भी परीक्षण की सुविधा रहेगी इसके अतिरिक्त युवाओं के साथ बुजुर्गों की व्यावहारिक समस्याओं, जैसे टॉयलेट, मंजन करने कपड़े पहनने, कलम पकड़ने, भोजन करने, पानी पीने में परेशानी होना तथा युवाओं में उदासी, चिंता, गुस्सा प्यार में मिला धोखा, निराशा, अवसाद जैसी मन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए भी निःशुल्क स्क्रीनिंग होगी।
उन्होंने बताया कि शिविर उनके क्लीनिक पर पूर्वाह्न 10:00 बजे से अपराह्न 2:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि ऐसे लक्षणों से ग्रसित किसी भी व्यक्ति को शिविर में भेजकर अथवा साथ में लाकर निशुल्क परीक्षण कैंप का लाभ उठाएं।

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