-न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो प्रवीन कुमार शर्मा के इस्तीफे की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के एक और प्रोफेसर स्तर के शिक्षक चिकित्सक द्वारा संस्थान से इस्तीफा देने की घोषणा की गयी है। संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर

के इस्तीफे की खबर के बाद एक बार फिर बहस छिड़ गयी है कि आखिर प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों से प्रतिभाओं के पलायन में लगातार तेजी क्यों आती जा रही है। डॉ शर्मा के इस्तीफे की खबर की पुष्टि केजीएमयू प्रशासन द्वारा अभी नहीं की गयी है। ‘सेहत टाइम्स’ ने प्रो शर्मा को फोन कर उनसे इस्तीफे के बारे में जानने की कोशिश की लेकिन उनका फोन नहीं उठा। टाइम्स’ ने प्रो शर्मा को फोन कर उनसे इस्तीफे के बारे में जानने की कोशिश की लेकिन उनका फोन नहीं उठा।
अत्यन्त विश्वसनीय स्तर से मिल रही सूचनाओं के आधार पर जानकारी मिली है कि प्रो शर्मा ने इस्तीफे की पेशकश की है। प्रो शर्मा की विशेष उपलब्धि है कि उन्होंने दिन-रात काम करते हुए संस्थान में मिर्गी सर्जरी इकाई विकसित की थी। उनका ओपीडी में मरीजों की पूरी लगन से देखभाल करना और मरीजों से अच्छा व्यवहार करने के चर्चे होते हैं।
इसके साथ ही संस्थान में एक बार फिर यह बहस छिड़ गयी है कि जॉर्जियन जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित पहचान वाले संस्थान को छोड़ कर जाने वाले फैकल्टी चिकित्सकों की संख्या में तेजी से इजाफा क्यों हो रहा है। बताते हैं कि कॉरपोरेट अस्पतालों की संख्या बढ़ने के बाद प्रतिभाओं का पलायन तेज होने की एक वजह तो अर्थ से जुड़ी हो सकती है, क्योंकि कॉरपोरेट सेक्टर में चिकित्सक के वेतन और सरकारी संस्थानों में चिकित्सकों के वेतन का बड़ा अंतर चिकित्सकों को आकर्षित करता है। हालांकि इस बारे में पिछले दिनों संजय गांधी पीजीआई के दीक्षांत समारोह में प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग के मुखिया उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा भी था कि इलाज हमारे पास है, और जो लोग यहां से छोड़ कर जाते हैं, वे आपके ही नाम को बेच रहे हैं, उनसे कहो कि अगर आप हमें छोड़ कर जा रहे हो तो एक्स मत लिखो, यानी एक्स पीजीआई मत लिखो।


