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फैशन बन चुका ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ अपने मन से न शुरू करें

-पोषण धारा एसोसिएशन का चौथा दो दिवसीय NUTRICON 2024 सम्पन्न

सेहत टाइम्स

लखनऊ। योग्य डाइटिशियनों के प्रमुख संगठन, पोषण धारा एसोसिएशन के चौथा दो दिवसीय (21 और 22 दिसंबर) सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय NUTRICON 2024 का उद्घाटन शनिवार 21 दिसम्बर को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के कलाम सेंटर में हुआ। सम्मेलन की मुख्य अतिथि डॉ. अनीता जटाना, चीफ डाइटिशियन, अपोलो हॉस्पिटल, दिल्ली थीं। उन्होंने अपने सम्बोधन में मोटापे से कैसे बचे, युवा और बच्चे अपनी जीवन शैली में क्या बदलाव करें, क्यों नहीं मिलती है वजन घटाने में सफलता विषय पर अपना प्रेजेन्टेशन दिया। डॉ. अनीता जटाना, को उनके असाधारण योगदान के लिए “पोषण श्री” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

यह जानकारी देते हुए पोषण धारा की अध्यक्ष रमा​ त्रिपाठी और सचिव मृदुल विभा ने बताया कि यह सम्मेलन पोषण और आहार विज्ञान के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने और नए आयाम स्थापित करने का एक आदर्श मंच साबित हुआ। इसमें देश-विदेश के प्रतिष्ठित डाइटिशियनों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। विभिन्न सत्रों और कार्यशालाओं में पोषण से जुड़े नवाचार, अनुसंधान, और आधुनिक चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई। एसोसिएशन का यह प्रयास रहता है कि डायटीशियन का कोर्स करने वाले स्टूडेंट को एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिले जिसमें वे अपने विचार रख सकें। उनकी जो भी परेशानियां हैं, उन्हें शेयर कर सकें।

सुनीता सक्सेना ने बताया कि सम्मेलन में बताया गया कि वजन कम करने के लिए आजकल ‘आंतरायिक उपवास’ यानी ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ का फैशन चल गया है, इसे अपने मन से न करें, उसे करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें क्योंकि डायबिटीज, गर्भावस्था आदि में इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करना चाहिये। ज्ञात हो इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग या आंतरायिक उपवास का मतलब है, रुक-रुक कर उपवास करना, इसे लोग डाइटिंग के लिए करते हैं।

रमा त्रिपाठी ने बताया कि सम्मेलन में बताया गया कि युवा और बच्चे अपनी जीवन शैली और खानपान में कैसे बदलाव करें। उन्होंने बताया हमें चाहिये कि हम बाहर से खाना न लेकर घर का बने खाने पर जोर दें, हमारे पुराने जमाने केेेेेेेेेेेेेेेे खाने के साथ अचार, सिरका, कांजी, शिकंजी, दही जैसी चीजें के प्रयोग पर ध्यान दें, क्योंकि ये प्री बायोटिक की तरह काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यही चीजें अब हम गोली और पाउडर के रूप में बाहर से लेकर खाते हैं।

मृदुल विभा ने बताया कि इस सम्मेलन को सफल बनाने में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की चीफ डाइटिशियन और पोषण धारा एसोसिएशन की संरक्षक सुनीता सक्सेना, एसोसिएशन की अध्यक्ष रमा त्रिपाठी और सचिव मृदुल विभा, रीता आनंद, डॉ. इंदुजा दीक्षित, तथा IAPEN और पोषण धारा एसोसिएशन की कम्युनिटी न्यूट्रीशन की प्रमुख रानू सिंह, राधिका अवस्थी, कल्पना सिंह, और संध्या सिंह ने अहम भूमिका निभाई।

इसके अतिरिक्त एसजीपीजीआई, आरएमएल, और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों की वरिष्ठ डाइटिशियनों जैसे डॉ. शिल्पी त्रिपाठी, डॉ. अर्चना सिन्हा, और डॉ. पूनम तिवारी ने भी इस आयोजन को उत्कृष्ट बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मृदुल विभा ने बताया कि सम्मेलन के दौरान, “पोषण के भविष्य” पर चर्चा करते हुए डाइटिशियनों ने नवीनतम शोध और प्रथाओं को साझा किया। “न्यूट्री-शेफ” प्रतियोगिता में रचनात्मक और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजनों पर ध्यान केंद्रित किया गया। “पोस्टर एवं पेपर प्रेजेंटेशन” में प्रतिभागियों ने अपने शोध प्रस्तुत किए।

उन्होंने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पोषण विज्ञान के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, नई पीढ़ी के डाइटिशियनों को प्रेरित करना, और पोषण के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करना था।

मृदुल विभा ने बताया कि पोषण धारा एसोसिएशन द्वारा आयोजित यह सम्मेलन न केवल पोषण क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने में सफल रहा, बल्कि यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ। इस आयोजन ने पोषण क्षेत्र के पेशेवरों को एकजुट करते हुए, भविष्य की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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