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केजीएमयू में रेजीडेंट डॉक्टर्स की दो टूक : जब तक सुरक्षा के इंतजाम नहीं, तब तक नहीं करेंगे काम

-कोलकाता की घटना के बाद केजीएमयू परिसर में सुरक्षा को लेकर पांच सूत्रीय मांगें रखीं

-आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी जांचें व अन्य कार्य ठप करने की घोषणा

सेहत टाइम्स

लखनऊ। कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप और दरिंदगी के बाद की गई हत्या से आक्रोशित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कल 13 अगस्त से काम बंद करने का ऐलान किया है। इन डॉक्टरों की मांग है कि जब तक सुरक्षा को लेकर उनकी मांगें नहीं पूरी हो जातीं, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। इन रेजिडेंट्स डॉक्टर के आक्रोश का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार 12 अगस्त को रात्रि 8 बजे रेजीडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष और महामंत्री की अनुपलब्धता के चलते कार्य बहिष्कार की सूचना देने के लिए जारी नोटिस पर विभागीय आरडीए रिप्रेजेंटेटिव ने हस्ताक्षर किए हैं। इन आरडीए रिप्रेजेंटेटिव में डॉ आकांक्षा कुमारी, डॉ दिव्यांश सिंह, डॉ रणविजय पटेल, डॉ नागेंद्र खटोरे, डॉ किसलय मिश्रा, डॉ प्रियंका शर्मा, डॉ सागर, डॉ अनन्या, डॉ शैव्य सिरोही, डॉ अमन, डॉ गौरव चंदेला, डॉ इवा रमन, डॉ तोयज कुमार और डॉ आकाश पटेल शामिल हैं।जारी नोटिस में कहा गया है कि कोलकाता में हुए इस जघन्य अपराध से हम सब रेजिडेंट डॉक्टर क्षुब्ध और क्रोधित हैं। इनका कहना है कि महिला डॉक्टर के साथ उस समय जघन्यता के साथ रेप और हत्या की गयी है, जब वह ड्यूटी पर थी। यह घटना पूरे चिकित्सा जगत को हिला देने वाली है ऐसे में हम शांत होकर नहीं रह सकते हैं।

नोटिस में कहा गया है कि हम इस जघन्य अपराध से व्यथित और आक्रोशित हैं। आरडीडब्ल्यूए केजीएमयू की आम सभा द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के बाद हम सभी वैकल्पिक और गैर-आवश्यक सेवाओं (ओपीडी, वैकल्पिक ओटी, गैर-आपातकालीन रेडियोलॉजिकल प्रक्रियाएं और गैर-आपातकालीन पैथोलॉजिकल जांच) को तत्काल निलंबित करने के साथ चरणबद्ध विरोध शुरू कर रहे हैं। रोगी देखभाल के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है, और हम लोग गंभीर स्थिति में लोगों की देखभाल के लिए काम करना जारी रखेंगे।

नोटिस में जिन 5 मांगों पूरा करने के लिए लिखा है उनमें

  1. हॉस्पिटल के अंदर सभी वार्डों, आपातकालीन कक्ष, ओटी, ओपीडी, टीचिंग ब्लॉक्स और विभागों के प्रवेश और निकास द्वारों पर चालू हालत में सीसीटीवी कैमरे इस जिम्मेदारी के साथ लगाये जायें कि अगर यह चालू हालत में न हुए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
  2. महिला रेजीडेंट के लिए अलग से रेजीडेंट कमरा हो, जिसमें किसी भी पुरुष का प्रवेश वर्जित हो। इस कमरे में ही अटैच वाशरूम और पीने के पानी की व्यवस्था हो।
  3. पूरे परिसर विशेषकर वार्ड से गर्ल्स हॉस्टल जाने वाले रास्तों पर में सुरक्षा गार्डों की तैनाती हो, इन सुरक्षा गार्डों का ड्यूटी रोस्टर और फोन नम्बर सभी रेजीडेंट्स के पास उपलब्ध रहना चाहिये।
  4. कॉरीडोर और रेजीडेंट्स के कमरे और विभाग के बाहर समुचित प्रकाश की व्यवस्था हो
  5. शिक्षकों-रेजीडेंट्स का पैनल गठित हो इस पैनल में दो टीचर (एक पुरुष एक महिला) और तीन रेजीडेंट्स हो जो कभी भी कोई घटना होने पर हस्तक्षेप के लिए 24×7 उपलब्ध रहें।

रेजीडेंट्स डॉक्टर्स ने कहा है कि त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करते हुए हमारी ये मांगें पूरी की जायें, ऐसा न होने पर हम न्याय मिलने तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

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