गौसेवा संस्था 31 मार्च से 15 दिवसीय गौ-जाप महायज्ञ शुरू करने जा रही

क्या आप जानते हैं कि गाय का दूध में वह ताकत है जो अपराध को रोक सकता है। आपको बता दें कि आरएसएस से जुड़ी संस्था गौसेवा का दावा है कि गाय का दूध पीने से अपराध के ग्राफ में गिरावट देखने को मिलती है और गाय के गोबर से निकलने वाले तरल पदार्थ में तुलसी मिलाकर पी जाए तो यह प्रसव पीड़ा के दौरान नॉर्मल डिलीवरी में मददगार होता है. गाय के उत्पादों से इस तरह के आठ प्रमुख लाभों के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए गौसेवा संस्था 31 मार्च से 15 दिवसीय गौ-जाप महायज्ञ शुरू करने जा रही है.
मीडिया रिपोटर्स के अनुसार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए आरएसएस अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख शंकर लाल ने कहा कि जब से गाय के मुकाबले भैंस और जर्सी गाय के दूध की खपत में बढ़ोतरी हुई है, तब से अपराध के ग्राफ में भी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा, ”दरअसल भैंस और जर्सी गाय का दूध ‘तामसी’ प्रकृति का होता है, जिसके कारण व्यक्ति में क्रोध बढ़ता है. इस कारण अपराध की दर बढ़ती है. दूसरी तरफ गाय का दूध ‘सात्विक’ प्रकृति का होता है. इससे लोगों को शांति मिलती है. नतीजतन अपराध की दर में गिरावट होती है.” उनका कहना है कि ‘अपराध मुक्त भारत’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए गौसेवा संस्था इस अभियान को शुरू करने जा रही है.
शंकर लाल ने यह भी दावा किया कि पिछले आठ सालों में 3000 महिलाओं की बिना सर्जरी के डिलीवरी हुई है क्योंकि उन्होंने प्रसव पीड़ा के दौरान 40 ग्राम गाय के गोबर से निकलने वाले तरल पदार्थ में तुलसी मिलाकर ली थी. उन्होंने यह भी कहा कि प्रसव पीड़ा के दौरान इस पेय के ग्रहण करने के महज दो घंटे के भीतर ही डिलीवरी होती है.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि गर्भावस्था के आठ महीने के दौरान महिला चांदी के कटोरे में गाय के दूध से दही का सेवन करे तो होने वाला बच्चा स्वस्थ, सुंदर, बुद्धिमान और सात्विक प्रवृत्ति का होगा. शंकर लाल ने कहा कि अपने आगामी गौजाप अभियान के माध्यम से वह लोगों को गाय उत्पादों के इन लाभों के बारे में जागरूक करना चाहते हैं. इसके साथ ही लोगों से गाय के संरक्षण की अपील भी की जाएगी.

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