-फार्मेसी एक्ट 1948 की समीक्षा के लिए 75 वर्ष बाद गठित हुई है कमेटी

सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन एवं फार्मेसी फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने देश के सभी फार्मा वैज्ञानिकों, प्रोफेसर एवं क्लीनिकल हॉस्पिटल आदि क्षेत्रों के फार्मेसी बौद्धिक जनों से अपील करते हुए कहा है कि 75 वर्ष के बाद फार्मेसी एक्ट में बदलाव के लिए कमेटी गठित की गई है, कमेटी को फार्मेसी शिक्षा की बेहतरी के लिए सुझाव देने आवश्यक है, इसलिए अपने सुझाव अवश्य भेजें। उन्होंने कहा कि यह फार्मेसी संवर्ग के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ज्वलंत मुद्दा है।
सुनील यादव ने कहा कि बीती 28 मार्च, 2023 को फार्मेसी अधिनियम, 1948, फार्मेसी शिक्षा की समीक्षा करने और पीसीआई के पुनर्गठन के लिए सिफारिशें करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक 15 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। जम्मू कश्मीर एम्स के अध्यक्ष डॉ वाईके गुप्ता इस समिति के चेयरमैन हैं। उन्होंने बताया कि भारत के अत्यंत वरिष्ठ वैज्ञानिकों एवं प्रोफेसरों की एक कमेटी बनाई जा रही है जो एक्सपर्ट कमेटी को अपना प्रत्यावेदन सौंपेगी। सभी फार्मा पेशेवरों से बहुमूल्य सुझाव ईमेल पर आमंत्रित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि फार्मेसी शिक्षा में अनेक बदलाव की आवश्यकता है फार्मेसी शिक्षा एवं फार्मेसी के स्तर को अंतर्राष्ट्रीय लेवल का बनाने, फार्मेसी शिक्षा को और रोजगारपरक तथा जनता के लिए लाभदायक बनाने के लिए यह एक्सपर्ट कमेटी बनाया जाना भारत की फार्मेसी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए फार्मेसी के सभी लोगों को फार्मेसी शिक्षा, फार्मेसी एक्ट में बदलाव के लिए अपने सुझाव तुरंत भेजने चाहिए।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times