-धरने की तैयारी के लिए कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक

लखनऊ। निजीकरण को रोकने, पुरानी पेंशन बहाली, राष्ट्रीय वेतन आयोग गठित करने, ठेका प्रथा संविदा की जगह स्थाई नियुक्तियां किये जाने, कर्मचारी आचरण नियमावली में सुधार कर कर्मचारियो को अधिकार दिए जाने की मांग को लेकर इप्सेफ द्वारा घोषित आंदोलन के क्रम में 14 अक्टूबर को लखनऊ के राज्य कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नगर निगम मुख्यालय पर धरना देंगे। धरने की रणनीति तय करने के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद लखनऊ शाखा के पदाधिकारियों की आज एक बैठक आयोजित की गयी।
यह जानकारी देते हुए मंत्री संजय पांडेय ने बताया कि इस बैठक की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव ने की। संचालन करते हुए मंत्री संजय पांडेय ने कहा कि प्रदेश में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा इस आंदोलन को चलाया जा रहा है, जिसमें कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा भी भागीदारी करेगा लखनऊ के सभी विभागों में विगत 13 सितंबर से लगातार जन जागरण अभियान चल रहा है, सरकारों की उपेक्षा पूर्ण रवैये से कर्मचारी नाराज हैं।
महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों के अधिकार धीरे-धीरे कम हो रहे हैं, सरकार संविदा, आउटसोर्सिंग और निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, जो आम जनता के भविष्य के लिए भी घातक हैं वहीं सरकारें कर्मचारियों को निराश कर रही हैं और उनका मनोबल तोड़ने के लिए 50 साल की उम्र या 30 साल की सेवा पर जबरन रिटायर किए जाने का प्रचार प्रसार किया गया, जिससे कर्मचारी परेशान है और इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश जनपद शाखा लखनऊ के पदाधिकारी सुनील यादव LT, राजेश चौधरी मंडलीय मंत्री, वी पी सिंह मंत्री डीपीए, के के सचान संगठन प्रमुख, अशोक कुमार मीडिया प्रभारी, महामंत्री अतुल मिश्र, सचिव अजय पान्डेय, मो अरशद (रोडवेज), अरविंद (होमियोपैथी), कमल श्रीवास्तव, सतीश यादव आदि शामिल हुए।

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